सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव को मान लिया है जिसमें कोरोना वायरस का शिकार बने लोगों को 50 हजार रुपये मुआवजा देने की बात कही गई है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट चार अक्तूबर को आदेश जारी करेगा। आज सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि हमने इस बात का नोटिस लिया है कि भारत ने इस दिशा में क्या कदम उठाए हैं, ऐसा किसी अन्य देश में नहीं हुआ है।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि एनडीएमए ने कोरोना के कारण मरने वालों के परिजनों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की सिफारिश की है, जिसमें हर मौत पर 50 हजार रुपए दिए जाएंगे।केंद्र ने कोर्ट को बताया कि राहत कार्यों में शामिल लोगों को भी अनुग्रह राशि दी जाएगी।
सरकार ने कहा कि अगर मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण कोरोना है, तो ऐसे भी मृतक के परिजनों को सहायता राशि दी जाएगी। केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोरोना पीड़ितों के परिजनों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से अनुग्रह सहायता प्रदान की जाएगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में मुआवजे की राशि को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई हैं।
विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष केंद्र सरकार ने पहले ही कह दिया था कि वह कोरोना से होने वाली हर मौत पर परिजन को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा नहीं दे सकती है। हालांकि, कोर्ट ने भी सरकार की इस बात पर सहमति जताई थी और बीच का रास्ता निकालने को कहा था।