देहरादून: देवस्थानम बोर्ड को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से पूर्व राज्य सभा सांसद मनोहरकांत ध्यानी की अध्यक्षता में बनाई गई उच्चस्तरीय समिति ने ऋषिकेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को 89 पेजों की रिपोर्ट बनाकर सौंप दी है। अब प्रदेश सरकार रिपोर्ट का अध्ययन कर बोर्ड को लेकर कुछ फैसला लेगी।
28 नवंबर 2019 को तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गढ़वाल मंडल के 51 मंदिरों को श्राइन बोर्ड की तर्ज पर देवस्थानम बोर्ड के अधीन कर दिया था। इस प्रस्ताव को कैबिनेट में भी पास कर दिया गया था। जिन मंदिरों को देवस्थानम बोर्ड के अधीन किया गया था, उनके पुुजारियों और हक हकूकधारियों का आरोप था कि उनके मंदिरों को बोर्ड के अधीन करने से उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया। पुजारी और हक हकूकधारी लगातार देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे हैं।
अगस्त में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर एक उच्च स्तरीय समिति बनाई थी। इसका अध्यक्ष पूर्व राज्य सभा सांसद मनोहरकांत ध्यानी को बनाया था। समिति की ओर से पंडा, पुरोहितों और हक हकूकधारियों से देवस्थानम बोर्ड को लेकर रिपोर्ट बनाई गई है। रविवार को ऋषिकेश के एक होटल में समिति के अध्यक्ष की ओर से यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी गई।
देवस्थानम बोर्ड को लेकर बनाई गई उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी की ओर 89 पेजों की रिपोर्ट बनाकर दी गई है। रिपोर्ट का अध्ययन करने बाद ही बोर्ड को लेकर कुछ निर्णय लिया जाएगा।