देहरादून : उत्तराखंड की धामी सरकार ने आज तीर्थपुरोहितों, पंडा समाजों और हक हकूकधारियों को बड़ी खुशखबरी दी। सीएम धामी ने त्रिवेंद्र रावत के एक फैसले को पलट दिया है। धामी सरकार ने देवस्थानम बोर्ड के अधिनियम को वापस ले लिया। सरकार के फैसले से आज तीर्थपुरोहित, पंडा समाज और हक हकूकधारियों में खुशी का माहौल है। सभी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद अदा कर रहे हैं। लंबे समय के इंतजार के बाद तीर्थपुरोहितों की मुराद पूरी हुई।
अखिल भारतीय परिषद निरंजनी के अध्यक्ष ने जताया आभार
वहीं त्रिवेंद्र सरकार द्वारा बनाए गए देवस्थानम बोर्ड को भंग करने पर अखिल भारतीय परिषद निरंजनी ने भी धन्यवाद अदा किया है। अखिल भारतीय परिषद निरंजनी के अध्यक्ष ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि आने वाले समय में भाजपा को फायदा मिलेगा। साथ ही संतों का आशीर्वाद भी वर्तमान सरकार को मिलता रहेगा। वहीं समाजसेवी विशाल गर्ग ने भी इसे सही ठहराया है।
आपको बता दें कि देवस्थानम बोर्ड का गठन पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था, जिसके तहत मंदिरों का अधिकार इस बोर्ड के अधीन हो गया था, लेकिन तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज की मांग को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के फैसले को धामी सरकार ने पलटते हुए देवस्थानम बोर्ड भंग कर दिया है। बोर्ड के भंग की घोषणा के बाद ऋषिकेश के भगवान आश्रम में तीर्थपुरोहितों ने उत्साह मनाया। जैसे ही कैबिनेट में बोर्ड पूर्ण रूप से भंग होगा। पुरोहित और पंडा समाज धूमधाम से उत्सव मनाएगा। केदारनाथ बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने सरकार को शुद्ध बुद्धि दी हैं।
सीएम धामी की पोस्ट
वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड भंग करने को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है। सीएम धामी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आप सभी की भावनाओं, तीर्थपुरोहितों, हक-हकूकधारियों के सम्मान एवं चारधाम से जुड़े सभी लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए मनोहर कांत ध्यानी जी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने देवस्थानम बोर्ड अधिनियम वापस लेने का फैसला किया है।