हरिद्वार: जूना अखाड़े के द्वारा निकाली जा रही पौराणिक पवित्र छड़ी यात्रा आज एक महीने की यात्रा के बाद वापस हरिद्वार आ गयी है, जिसका समापन आज जूना अखाड़ा के माया देवी मंदिर प्रांगण में होगा। जिसके बाद हरिद्वार की अधिष्ठात्री मां माया देवी के मंदिर में अगली छड़ी यात्रा तक पवित्र छड़ी विश्राम करेगी।
बता दें, 20 सितंबर को हरिद्वार के ही मां माया देवी मंदिर से इस छड़ी यात्रा का आगाज किया गया था। जूना अखाड़े के कई संत और भक्तगण परंपरागत रूप से गढ़वाल और कुमाऊं के सभी महत्वपूर्ण मंदिरों में इस पवित्र छड़ी को ले गए। इस दौरान इस छड़ी यात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया।प्राचीन काल में सनातन परंपरा के तहत हिन्दू धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए यह छड़ी यात्रा निकाली जाती थी, लेकिन कई सालों से यह प्रथा बंद हो गई थी। आज वापस हरिद्वार पहुंचने जूना अखाड़ा के श्यामपुर कांगडी स्थित आश्रम पर छड़ी यात्रा का जोरदार स्वागत किया गया, जिसका आज हरिद्वार की अधिष्ठात्री माया देवी मंदिर में समापन होगा।
उन्होंने सरकार से मांग है कि सरकार दुर्गम क्षेत्रों में चिकित्सा जैसी और दूसरी मूलभूत सभी सुविधाएं उपलब्ध कराया जाएं, ताकि रोजगार को बढ़ावा मिले।जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गिरी महाराज ने कहा कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देना, दुर्गम क्षेत्रों में सभी तरह की जरूरी व्यवस्थाओं को उपलब्ध कराना और राज्य में बढ़ रहे पलायन को रोकना है,पर्यटन को उत्तराखंड में और ज्यादा बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि राज्य के पहाड़ों पर हो रहे पलायन को रोका जा सके।