नैनिताल: उत्तराखंड में समलैंगिक विवाह का पहला मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंचा है। हाईकोर्ट में गुरुवार को ऊधमसिंह नगर के दो युवकों की शादी के लिए पुलिस सुरक्षा दिए जाने की याचिका पर सुनवाई की।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने उधमसिंह नगर एसएसपी और रुद्रपुर एसएचओ को दोनों युवकों को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए। साथ ही विपक्षियों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा।
ऊधमसिंह के दो युवक लंबे समय से एक दूसरे से प्यार करते हैं और रिलेशनशिप में हैं। दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं लेकिन परिवार वाले दोनों के खिलाफ हैं। घरवालों के विरोध के चलते युवकों ने हाईकोर्ट की शरण ली और पुलिस सुरक्षा की गुहार लगाई। जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकारा और एसएसपी समेत रुद्रपुर एसएचओ को दोनों युवकों को पुलिस सुरक्षा देने के निर्देश दिए। ये मामला चर्चाओं का विषय बना हुआ है।
बता दें कि दो युवकों द्वारा रिलेशनशिप में होने शादी करने का ये हाईकोर्ट में पहला मामला पहुंचा है। बता दें कि ये कोई अपऱाध नहीं है बल्कि 2017 में 25 देशों ने समलैंगिक शादी को मान्यता दी गई है। भारत में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर मुहर लगाई।
बता दें कि 2013 में दिल्ली हाईकोर्ट ने इसे अपराध माना था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलटा और समलैंगिक विवाह को मान्यता दी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में परिवर्तन जरूरी है। जीवन का अधिकार मानवीय अधिकार है, इस अधिकार के बिना बाकि अधिकार औचित्यहीन है।