उत्तराखंडदेश

पाताल तक भी रहेगी सर्चिंग जारी बोले प्रभारी मंत्री डॉ धनसिंह
68 शव व 28 मानव अंग बरामद।

तपोवन/गोपेश्वर। तपोवन रैणी क्षेत्र में बीते 2 सप्ताह पहले आए भयंकर जल प्रलय ने भारी तबाही मचा दी थी। धौली व ऋषि गंगा में जल प्रलय के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर अभी भी मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। चमोली के प्रभारी मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि लापता लोगों की तलाश के लिए अंतिम समय तक का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा । हालांकि चमोली की डीएम स्वाति भदोरिया अपने मातहत अधिकारियों के साथ लगातार प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग करने में जुटी है।
आपदा में लापता हुए 206 व्यक्तियों में से अब तक 68 शव और 28 मानव अंग बरामद किए जा चुके है और 136 लोग अभी लापता चल रहे है। जिनकी तलाश जारी है।
तपोवन सुरंग से पानी और मलवा हटाने का काम भी जारी है। टनल से अब 14 डेडबाॅडी रिकवर हो चुकी है। बीते शनिवार को देर सांय एनडीआरएफ टीम ने बैराज साइट में मलवे से 5 डेडबाॅडी रिकवर की। जिनकी शिनाख्त हो चुकी है। इसमें अमृत कुमार पुत्र कैलाश निवासी झारखंड, ज्योतिष वासला पुत्र मनोज वासला निवासी झारखंड, मुन्ना कुमार सिंह पुत्र विन्देश्वरी सिंह निवासी बिहार, जलाल पुत्र इस्तियाक अली निवासी लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश तथा जीवन सिंह पुत्र जवाहर सिंह निवासी ग्राम पंजिया थाना व तहसील कालसी देहरादून शामिल है। वही आज रविवार को तपोवन टनल से भी 01 शव बरामद किया गया। जिसकी शिनाख्त सुनील बाखला पुत्र प्रकाश बाखला निवासी झारखंड के रूप में हुई है। अब तक 39 व्यक्तियों की शिनाख्त हो चुकी है। रविवार को चमोली घाट पर 02 मानव अंगों का अंतिम संस्कार भी किया गया। रैणी ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट, तपोवन में विष्णुगाड हाइड्रो प्रोजेक्ट एवं नदी तटों के आसपास लापता व्यक्तियों की खोजबीन जारी है।
डीएम ने बताया कि सीएम के आदेशों के अनुपालन में अब तक 29 मृतकों के परिजनों को 1 करोड 16 लाख अहैतुक सहायता राशि वितरण के अतिरिक्त 11 घायलों एवं एक परिवार को गृह अनुदान का वितरण किया जा चुका है। वही 03 मृतक पशुओं का मुआवजा भी बांटा गया है। जिला प्रशासन द्वारा अब तक 34 मृतक व्यक्तियों को मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया है। आपदा प्रभावित क्षेत्र में पानी व बिजली की आपूर्ति सुचारू की जा चुकी हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button