त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किया फिजिकल नामांकन
हरिद्वार। हरिद्वार लोक सभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याक्षी त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज मां गंगा एवं अपने पित्रों, ईष्ट देवी देवताओं का आशीर्वाद लेकर फिजिकल नामांकन किया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल, राज्य सभा सदस्य श्रीमती कल्पना सैनी, विधायक मदन कौशिक, बृजभूषण गैरोला, आदेश चौहान, प्रदीप बत्रा, पूर्व विधायक सुरेश राठौड़, संजय गुप्ता, कुंवर प्रणव चैंपियन, स्वामी यतीस्वरानंद, वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सादाब शम्स, भाजपा नेत्री रानी देवयानी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
हरिद्वार से उम्मीदवारी मिलना त्रिवेंद्र के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के बाद से त्रिवेंद्र को एक राजनीतिक अवसर का इंतजार था। त्रिवेंद्र अपनी राजनीतिक सक्रियता बनाए रहे। उन्होंने धैर्यपूर्वक अवसर का इंतजार किया। पूरे राज्य का दो बार दौरा किया। हरिद्वार चुनाव क्षेत्र में भी उनकी राजनीतिक सक्रियता रही है। हरिद्वार लोस सीट में शामिल डोईवाला में त्रिवेंद्र का तगड़ा प्रभाव और समर्थकों की एक बड़ी फौज है। भाजपा शासित धर्मपुर और ऋषिकेश सीट में भी त्रिवेंद्र का बड़ा प्रभाव माना जाता है। मुख्यमंत्री की भूमिका में त्रिवेंद्र की हरिद्वार जिले में भी काफी सक्रियता रही।इस दौरान बड़ी संख्या में लोग उनके समर्थन में आए। 2022 में अपनी पारंपरिक डोईवाला सीट से भी वह चुनाव नहीं लड़ पाए थे। हालांकि इस सीट पर पार्टी ने उन्हीं के पसंद के चेहरे बीबी गैरोला को मैदान में उतारा था। त्रिवेंद्र के समर्थन से गैरोला चुनाव जीते। हरिद्वार के राजनीतिक समीकरणों से त्रिवेंद्र भलीभांति वाकिफ हैं। लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मोदी मैजिक के साथ त्रिवेंद्र को हरिद्वार के चुनावी समर में काफी पसीना बहाना होगा।
जानिए कौन हैं त्रिवेंद्र सिंह रावत
जन्म-20 दिसंबर 1960 पौड़ी गढ़वाल में
शिक्षा श्रीनगर गढ़वाल विश्वविद्यालय से परास्नातक की उपाधि
पत्रकारिता में डिप्लोमा
राजनीतिक जीवन
1979 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े
1993 में वह भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री
1997 भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री
2002 विधानसभा चुनाव में डोईवाला विधानसभा से जीते
2007 डोईवाला विस से चुनाव जीते, मंत्री बनें
2012 में रायपुर विस से चुनाव हारे
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव रहे, झारखंड व यूपी के सह प्रभारी रहे
17 मार्च 2017 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने
मार्च 2021 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया
2022 के चुनाव पार्टी ने उन्हें डोईवाला से टिकट नहीं दिया