देहरादून: उत्तराखंड से हैरान करने वाली खबर सामने आयी है। प्रदेश में साइबर ठगी के मामले बढ़ते रहे हैं। इस बात का अंदाजा इस बात से आंकड़े से लगा सकते है कि उत्तराखंड में पांच लोग रोजाना साइबर ठगों के जाल में फंस कर अपनी रकम लुटा देते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के पोर्टल साइबर सेफ की रिपोर्ट से सामने आया है कि देशभर में देहरादून का पांचवां नंबर है।
साइबर सेफ पोर्टल ने एक अगस्त 2019 से 31 मई 2021 तक के आंकड़े जारी किए हैं। आंकड़ों के अनुसार देहरादून जिले में इस बीच 3056 लोग साइबर ठगी का शिकार हुए। ठगों ने इनसे कहीं ज्यादा लोगों को शिकार बनाने का प्रयास किया है। इस लिस्ट में पहला नंबर हैदराबाद का है, जहां 11 हजार से ज्यादा लोग ठगों के जाल में फंसे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार यदि पूरे उत्तराखंड में ठगी गई रकम की बात करें तो 22 महीनों में यहां के लोगों ने 1.72 करोड़ रुपये ठगों को दिए हैं। बहुत से बड़े मामले पकड़ में भी आए हैं। कई प्रकरणों में एसटीएफ और साइबर पुलिस ने कई ठगों को पकड़ा है। हालांकि इस साल कई बड़े मामलों में एसटीएफ ने करीब 50 लाख रुपये लोगों वापस भी कराए हैं। कार्रवाई की बात करें तो उत्तराखंड पुलिस भी अव्वल राज्यों में शामिल है। यहां की पुलिस विशेष तौर पर एसटीएफ नंबरों और खातों की निगरानी करने में शीर्ष चार राज्यों में शामिल है।
पुलिस साइबर ठगी के खिलाफ कार्रवाई और निगरानी में भी अव्वल राज्यों में शामिल है। एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पुलिस ने संदिग्ध ठगों के 3500 से ज्यादा फोन नंबर और खाते नंबरों को निगेटिव सूची में डालते हुए पोर्टल पर अपलोड किया है। पोर्टल के माध्यम से इन नंबरों और खातों की निगरानी की जाती है।