
कर्णप्रयाग / प्रकाश चंद्र डिमरी :
शासन-प्रशासन की लापरवाही से तहसील कर्णप्रयाग के सिमली मे लाखों की लागत से बना विकास भवन खंडहर मे तब्दील होने की कगार पर है।
विगत 2015 – 16 मे स्थानीय जनता की मांग पर तत्कालीन राज्य सरकार ने तहसील कर्णप्रयाग के न्याय पंचायत मज्याड़ी के कैंद्र बिंदु सिमली मे दर्जनों ग्राम पंचायतों की सुविधाओं के तहत ग्राम पंचायत अधिकारियों के कार्यालय और आवासीय भवन के लिए लगभग 62 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की थी। तथा ग्रामीण निर्माण विभाग ( आरडब्ल्यूडी) ने वर्ष 2017 मे लगभग 40 लाख रुपये की लागत से विकास भवन के कार्यालय का निर्माण कर विकास खंड विभाग कर्णप्रयाग को हस्तांतरित कर दिया था। और स्थानीय भूमीधरों के साथ हुए जमीन के विवाद के कारण 22 लाख रुपये की लागत से बनने वाले विभागीय आवासीय भवन का निर्माण कार्य नहीं हो पाया था। स्थानीय जन प्रतिनिधियों जिला पंचायत सदस्य कांती देवी मिश्रा, डिम्मर की प्रधान राखी डिमरी, क्षेत्र पंचायत सदस्य संदीप डिमरी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य देवैंद्र सिंह नेगी, जयदीप गैरोला, रविंद्र खंडूड़ी आदि ने बताया कि विकास भवन मे विकास विभाग का कार्यालय शुरु किए जाने को लेकर कई बार सीएम पोर्टल सहित शासन-प्रशासन के आला अधिकारियों से कहा था लेकिन भवन मे उगी झाड़ियां और खंडहर मे तब्दील हो रहे भवन की शुध नहीं लिए जाने से लोगों मे रोष ब्याप्त है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द विकास भवन मे सरकारी कार्य शुरु नहीं किया गया तो वृहद आंदोलन किया जाएगा। कर्णप्रयाग के विधायक अनिल नौटियाल ने बताया कि डीएम चमोली से जल्द वार्ता कर सिमली मे बने विकास भवन मे ग्राम पंचायत और विकास अधिकारियों के कार्यालय को प्रारंभ करने की प्रक्रियाएं की जाएगी।
मुख्य विकास अधिकारी चमोली डा. ललित नारायण मिश्रा ने बताया कि विकास भवन सिमली मे कार्यालय शुरु करने के लिए बीडीओ कर्णप्रयाग को निर्देशित कर दिया जाएगा।
जन आगाज।