उत्तराखंड में फिर आम आदमी को झटका, महंगी होगी बिजली
देहरादून: उत्तराखंड में एक बार फिर बिजली महंगी हो सकती है। दरअसल, उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) की बोर्ड बैठक में बिजली दरें 7.72 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया है। इसमें घरेलू बिजली दर में पांच प्रतिशत और औद्योगिक बिजली दरों में सात से आठ प्रतिशत बढ़ोतरी की सिफारिश की गई।
15 दिसंबर तक यूपीसीएल की ओर से दरें बढ़ाने का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग में जमा किया जाएगा। मंगलवार को ऊर्जा निगम मुख्यालय में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में यूपीसीएल की बोर्ड बैठक में बिजली दरें बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यूपीसीएल ने बिजली दरों में बढ़ोतरी करने पर तर्क दिया गया है कि निगम ने बीते वर्ष में 123 करोड़ की योजनाओं पर काम किया।
इसके साथ ही दूसरे राज्यों से महंगी दरों पर बिजली खरीदी है। इसकी एवज में बिजली दरों में बढ़ोतरी की जानी है। बैठक में चर्चा के बाद बिजली दरों में 7.72 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें घरेलू बिजली दरों में पांच प्रतिशत और, गैर घरेलू बिजली दरों में 7 से 8 प्रतिशत बढ़ोतरी की सिफारिश है। यूपीसीएल की ओर से विद्युत नियामक आयोग में दरें बढ़ाने के लिए याचिका दायर की जाएगी। दरें बढ़ाने का फैसला नियामक आयोग की ओर से लिया जाएगा, जिसके बाद बढ़ी हुई दरें एक अप्रैल 2023 से लागू की जाएंगी।
बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित करने के बाद यूपीसीएल 15 दिसंबर तक विद्युत नियामक आयोग में बिजली दरें बढ़ाने के लिए याचिका दायर करेगा। आयोग यूपीसीएल की प्रस्तावित दरों पर सुनवाई के बाद ही फैसला लेगा। यदि आयोग यूपीसीएल के प्रस्ताव को पास करता है तो एक अप्रैल 2023 से प्रदेश में बिजली महंगी हो जाएगी।
यूपीसीएल का कहना है कि निगम ने ऋण लेकर 123 करोड़ के स्वीकृत प्रोजेक्ट का काम किया। इन्हें पूरा करने की रिपोर्ट नियामक आयोग को दे दी गई है। इन प्रोजेक्ट का पैसा वापस मिलना चाहिए था, जो नहीं मिला है। इसके चलते पुरानी देनदारी बढ़ रही है। व्यासी जलविद्युत परियोजना से निगम को 7.60 रुपये प्रति यूनिट बिजली मिलेगी। इसके अलावा पावर ग्रिड कॉरपोरेशन आफ इंडिया ने ट्रांसमिशन टेरिफ में 10 पैसे की बढ़ोतरी की है। प्रदेश में गैस पावर प्लांट नहीं चल रहे हैं। इस कारण से दूसरे राज्यों से महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है।