उत्तराखंड: मद्महेश्वर ट्रेक पर फंसकर हुई थी ट्रेकर की मौत, इतने दिन बाद शव बरामद
रुद्रप्रयाग: रासी-महापंथ-केदारनाथ ट्रैक पर पिछले 25 दिन तक मृत पड़े बंगाल के ट्रेकर का शव को जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने वायुसेना की मदद से निकाल लिया है। शव केदारनाथ से छह किमी दूर ट्रेक पर टेंट के अंदर रखा हुआ था।
केदारनाथ धाम से छह किमी की दूरी पर बंगाल के ट्रेकर आलोक विश्वास पुत्र बबूल विश्वास, निवासी नीचूताला, सगुना बंगाल की गत 9 अक्टूबर को मौत हो गई थी। लेकिन मौत के बाद हेलीकॉप्टर उपलब्ध ना होने के कारण शव को नहीं निकाला जा सका है।
इस क्षेत्र में लगातार बर्फबारी हो रही थी, जबकि जिस स्थान पर शव था वह रास्ता भी काफी खतरनाक था। हेली से ही शव को लाया जाना था। हेली की अनुमति के लिए जिला आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा वायुसेना से संपर्क किया जा रहा था। लेकिन हेली उपलब्ध न होने से शव वहीं ट्रैक पर पड़ा रहा।
आखिरकार बुधवार सुबह वायु सेना के चीता हेलीकॉप्टर के सहयोग से जिला आपदा प्रबंधन विभाग की टीम ने शव को निकालने में सफलता हासिल की। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवार ने बताया कि चार पोर्टर की संयुक्त टीम ने इस घटना में गत 10 अक्टूबर को घायल ट्रेकर विक्रम मजूमदार को रेस्क्यू टीम उसी दिन केदारनाथ लाने में सफल रही।
बताया कि शव को जाने के लिए हेलीकॉप्टर की अनुमति के लिए लगातार संपर्क किया जा रहा था। शव को पैदल लाया जाना संभव नहीं था। बताया कि शव का जिला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम किया जाएगा, घरवालों को इसकी सूचना दे दी गई है।
गौरतलब है कि बंगाल का एक ट्रेकिंग दल रांसी से होते हुए महापंथ-केदारनाथ के लिए गत 2 अक्टूबर को रवाना हुआ था। इसमें कुल 10 सदस्य शामिल थे। 8 सदस्य सुरक्षित केदारनाथ धाम पहुंच गए हैं। जबकि दो सदस्य केदारनाथ से लगभग 6 किलोमीटर दूरी पर फंसे गए थे। इसमें एक ट्रेकर की मौत हो गई थी।