बागेश्वर: उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के कमलेश ने अग्निवीर में भर्ती न हो पाने पर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। जो सपना उसने देखा था वो सपना ही रह गया। कुछ पल पहले तक हंसता-खेलते परिवार को गम और दुख के माहौल में छोड़ गया कमलेश। माता पार्वती देवी समेत कई दोस्त भी इस घटना से सदमे में हैं। बागेश्वर जिले के कपकोट के ग्राम मल्लादेश निवासी कमलेश के करीबी मित्र और उसके साथ सेना भर्ती का अभ्यास करने वाले दर्शन को इस घटना ने तोड़कर रख दिया है। उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि जो कमलेश देश की सीमाओं पर जाकर अपनी वीरता दिखाने की बात करता था, वह एक असफलता से हार मान बैठा।
दर्शन ने बताया कि वह और कमलेश एक साथ सुबह और शाम सेना की तैयारी किया करते थे। कमलेश को सेना में भर्ती होने का जुनून था। वह अकसर कहा करता था कि सेना के अलावा बाकी कोई सपना ही नहीं है। सेना में ही भर्ती होना है। भले ही चार साल के लिए देश सेवा का मौका मिले या एक दिन के लिए। दर्शन बताते हैं कि सोमवार दोपहर बाद तक कमलेश खेतों में गेहूं बोवाई का काम कर रहा था। भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद वह अचानक घर चला गया। कुछ देर बाद पास के जंगल में उसके जहर गटकने की सूचना मिली।
परिजनों ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कपकोट पहुंचाया जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान रात में कमलेश ने दम तोड़ दिया। कपकोट थाने के प्रभारी थानाध्यक्ष विवेक चंद्र ने बताया कि अस्पताल के मेमो से उन्हें सूचना मिली थी। पुलिस के अस्पताल पहुंचने तक उसे रेफर किया जा चुका था। परिवार की ओर से अभी कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर मामले की जांच की जाएगी। पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम और विसरा रिपोर्ट मिलने से ही मौत के कारण का पता चल सकेगा।