धर्म

द्वारका शारदा व ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद हुए ब्रह्मलीन

सनातन धर्म का सूर्य अस्त

पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज ब्रह्मलीन

99 वर्ष की आयु में हुए ब्रह्मलीन

सनातन धर्म, देश और समाज के लिए किया अतुल्य योगदान

हृदयगति के रुक जाने से अपराह्न 3.21 पर हुए ब्रह्मलीन

करोडों भक्तों की जुडी हुई है आस्था

स्वतन्त्रता सेनानी, रामसेतु रक्षक, गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करवाने वाले तथा रामजन्मभूमि के लिए लम्बा संघर्ष करने वाले, गौरक्षा आन्दोलन के प्रथम सत्याग्रही, रामराज्य परिषद् के प्रथम अध्यक्ष, पाखण्डवाद के प्रबल विरोधी रहे थे।

उक्त सूचना पूज्यपाद ब्रह्मीभूत शंकराचार्य जी के तीनों प्रमुख शिष्यों स्वामी सदानन्द सरस्वती, स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती एवं ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्द जी द्वारा दी गयी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button