

हल्द्वानी: भारत द्वारा साल 1984 में सियाचिन में चलाए गए ऑपरेशन मेघदूत के दौरान लापता हुए हल्द्वानी निवासी लांसनायक चंद्र शेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर अब जाकर मिला है। पार्थिव शरीर ढूंढने की ज़द्दोजहद तो कई सालों से जारी थी। मगर सेना के जवानों को सर्चिंग अभियान में सफलता अब जाकर मिली है। ग्लेशियर में दबकर लापता हुए शहीद चंद्र शेखर हर्बोला की शिनाख्त उनकी वर्दी पर लगे आर्मी नंबर डिस्क से हुई है।
आपको बता दें कि चंद्रशेखर हर्बोला कुमाऊं रेजिमेंट में लांसनायक थे। 38 साल पहले वो 19 लोगों के दल के साथ सियाचीन में ऑपरेशन मेघदूत के लिए निकले थे। इसी दौरान वो बर्फीले तूफान और हिमस्खलन का शिकार हो गए। उनका पूरा दल इस हिमस्खलन में शहीद हो गया था। बाद में 15 लोगों के पार्थिव शरीर मिल गया। कई जवानों के पार्थिव शरीर नहीं मिल पाए। इन्ही में चंद्रशेखर भी शामिल थे।
हाल में ही भारतीय सेना की एक टुकड़ी को गश्त के दौरान चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर मिला है। उनके ब्रैसलेट से कुछ अन्य सामानों से उनकी पहचान हुई। 38 साल से सियाचीन की बर्फ में दबा पार्थिव शरीर निकालकर उनके घर लाया जा रहा है। इस दौरान उनका पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। 38 सालों बाद अपने लाल की अंतिम यात्रा के लिए हल्दवानी में तैयारी हो रही है। मुख्यमंत्री धामी भी पहुंच रहें हैं। इसके साथ ही चंद्रशेखर हर्बोला के परिजन भी शामिल होंगे। उनकी पत्नी और उनके बच्चे भी रहेंगे।