भारतीय रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक समिति की बैठक के नतीजों की घोषणा करते बताया कि बैठक में नीतिगत ब्याज दरों या रेपो दरों में 50 बेसिस प्वाइंट या 0.50 फीसदी बढ़ोतरी का फैसला लिया। यानी रेपो रेट पर 4.40 से बढ़कर 4.90 हो जाएगा। इससे लोन की ईएमआई का बोझ बढ़ जाएगा।
दास ने एमपीसी की बैठक में लिए गए नतीजों का एलान करते हुए कहा कि देश में महंगाई लगातार बढ़ रही है और वैश्विक घटनाक्रमों के चलते सप्लाई चेन बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इस बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए आरबीआई का सख्त कदम उठाना पड़ा है।
गौरतलब है कि देश में खुदरा महंगाई दर आठ साल के शिखर पर पहुंचते हुए अप्रैल में 7.79 फीसदी पर पहुंच गई है, जबकि थोक महंगाई दर 15 फीसदी के पार पहुंच गई है। इसके साथ ही उन्होंने क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों और देश में टमाटर के दाम आसमान पर पहुंचने का भी जिक्र किया।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने महंगाई में इजाफे में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन इसके बावजूद देश की अर्थव्यवस्था सुधार के रास्ते पर है। रेपो दरों में बढ़ोतरी के साथ ही आरबीआई ने एमएसएफ को 50 बीपीएस बढ़ाकर 5.15 फीसदी, स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (एसडीएफ) को बढ़ाकर 4.65 फीसदी कर दिया है।
आरबीआई के इस फैसले के बाद लोन लेने वाले ग्राहकों को तगड़ा झटका लगा है, क्योंकि रेपो दरों में वृद्धि के चलते होम, ऑटो और पर्सनल लोन समेत सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे और ग्राहकों की ईएमआई में इजाफा हो जाएगा।