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झारखंड के देवघर रोपवे हादसे के बाद मसूरी-हरिद्वार में बेचैनी

देहरादून : पहाड़ों की रानी मसूरी में भी रोपवे सैलानियों के बीच बेहद लोकप्रिय है। झारखंड देवघर हादसे ने यहां की सुरक्षा के बारे में भी लोगों को बेचैन कर दिया है। देवधर हादसे में रोपवे का तार टूटने के बाद कई लोग हवा में ही तारों पर फंसी ट्रॉलियों में ही फंसे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक आज अभी तक छह और लोगों को निकाल लिया गया है। हालांकि आठ लोग अभी भी ऊपर फंसे हुए हैं।

वही पहाड़ों की रानी मसूरी में भी रोपवे पर्यटकों की पहली पंसद माने जाते हैं। देवघर हादसे ने यहां की सुरक्षा के बारे में भी लोगों को बेचौन कर दिया है। मसूरी के रोपवे संचालकों ने भी दावा किया है कि यहां रोपवे सुरक्षित है। इसमें सुरक्षा पर और भी ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। मसूरी नगर पालिका मालरोड पर झूलाघर करीब तीन सौ मीटर की ऊंचाई पर स्थित गनहिल तक पहुंचने के लिए रोपवे का संचालन करती है। रोपवे को पालिका ने ठेके पर दिया है।

देवघर की त्रिकुट पहाड़ियों में रोपवे पर हादसा होने के बाद हरिद्वार में भी लोग परेशान हो उठे। धर्मनगरी में मां मनसा देवी और मां चंडी देवी के लिए रोपवे का संचालन होता हे। उषा ब्रेको कंपनी के माध्यम से इन रोपवे को संचालित किया जाता है। रोपवे से प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु यात्रा करते हैं।

यहां साल में एक बार 10 दिन के लिए रोपवे को बंद किया जाता है। छह माह में एक बार छह दिन के लिए बंद किया जाता है। मनसा देवी रोपवे पर 26 ट्रालियां है। जबकि चंडी देवी मंदिर पर 42 ट्रालियां संचालित होती है। मनोज डोभाल ने बताया कि उनकी कंपनी 42 साल से देशभर में नौ रोपवे संचालित कर रही है।

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