मंत्री ने लगाई फटकार तो एनपीए वसूली एक अरब पार
सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत की दृढ़ इच्छाशक्ति का परिणाम है कि जिला कॉपरेटिव बैंको ने 23 फरवरी 21 तक 1 अरब 22 करोड़ 24 लाख रुपये एनपीए वसूला है। पहले नंबर पर डिस्टिक कोऑपरेटिव बैंक टिहरी गढ़वाल ने हासिल किया है। आपको बता दें प्रदेश भर में सहकारी बैंकों से लोन लेने के पश्चात बैंक बकायेदारों से कर्जा वसूली करने में नाकाम साबित हो रहा था और यह आंकड़ा 600 करोड़ के लगभग पहुंच गया था इसके बाद सहकारिता मंत्री रावत के द्वारा एनपीए वसूली को लेकर अभियान छेड़ा गया इस मामले में जो भी बैंक अधिकारी कर्मचारी लापरवाही करता हुआ प्रतीत हुआ तो उस पर विभागीय कार्रवाई का दबाव बनाया गया जिसके चलते सभी बैंक अधिकारी और कर्मचारियों के द्वारा घर-घर जाकर एनपीए वसूली का अभियान छेड़ा गया अब तक एनपीए वसूली में टिहरी गढ़वाल सबसे ज्यादा वसूली करके नंबर एक पर है
1 -डीबीबी टिहरी ने 21करोड़ 24 लाख रुपये
2- डीसीबी देहरादून 15 करोड़ 82 लाख
3- राज्य सहकारी बैंक 15 करोड़ 60 लाख
4- डीसीबी हरिद्वार 9 करोड़ 59 लाख 48 हज़ार
5- डीसीबी उत्तरकाशी 8 करोड़ 97 लाख 95 हज़ार
6- डीसीबी चमोली 8 करोड़ 97 लाख 63 हज़ार
7- डीसीबी गढ़वाल कोटद्वार 8 करोड़ 39 लाख 61 हज़ार
8- सीबी पिथौरागढ़ 6 करोड़ 34 लाख 14 हजार
9-डीसीबी नैनीताल 2 करोड़ 70 लाख 55 हजार
10- डीसीबी अल्मोड़ा 2 करोड़ 28 लाख 93 हज़ार
11-डीसीबी उधमसिंहनगर 1करोड़ 76 लाख 54 हजार
रुपये वसूले हैं।
इसमें डीसीबी उत्तरकाशी, डीसीबी चमोली में मात्र 32 हज़ार का एनपीए वसूली का अंतर चला रहा है।
राज्य के कॉपरेटिव मिनिस्टर डॉ धन सिंह रावत ने बार बार
समीक्षा बैठक बुला कर एनपीए वसूलने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया था। इस अभियान के अंतर्गत 40 करोड़ 93 लाख रुपए बैंकों का डूबा हुआ पैसा वापस आ गया है। 23 फरवरी 21 तक कुल 1अरब 22 करोड़ 24 लाख रुपये एनपीए वसूली हुआ है। जो 15.36 % है। राज्य में बैंक अधिकारियों, कर्मचारियों, कॉपरेटिव के कर्मचारियों, अधिकारियों का सघन वसूली अभियान जारी है
राज्य सहकारी बैंक का एनपीए 1अरब 86 करोड़ 3 लाख है। 10 डिस्टिक कॉपरेटिव बैंको का एनपीए 4 अरब 89 करोड़ 28 लाख रुपये है। इसमें एक अरब 22 करोड़ 24 लाख रुपये वसूली हो गया है। मंत्री की कड़ी निगरानी और तमाम समीक्षा बैठको से बैंकों के चेयरमैन और सचिव/ महाप्रबंधको ने जमीन पर गति लाई।