उत्तराखंडखबरेदेशराजनीति

पर्यावरण को लेकर के होंगे अब नियम सख्त 21 अप्रैल तक बन जाएगी पर्यावरण नीति

भराड़ीसैंण गैरसैंण। उत्तराखंड में अब स्टोन क्रेशर समेत अन्य उद्योगों द्वारा प्रदूषण फैलाने पर हो सकता है बड़ा एक्शन। वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने साफ तौर पर कहा कि राज्य के भीतर कोई भी संस्थान अथवा उद्योग पर्यावरण संरक्षण के लिए यदि प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम के तहत निर्धारित मानकों का पालन नहीं करता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। डॉ हरक सिंह रावत ने यह बात विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल के दौरान विधायक काजी निजामुद्दीन द्वारा उठाए गए पर्यावरण नीति से जुड़े सवाल के उत्तर में कही। मंत्री ने कहा कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए भारत सरकार द्वारा जल, वायु व ध्वनि प्रदूषण के निवारण एवं नियंत्रण के लिए अधिनियम 1974, 1981 एवं 1986 के अंतर्गत नियम प्रख्यापित किए गए हैं जिसके अंतर्गत उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्य करता है। डॉ रावत ने कहा कि इन अधिनियम के तहत जिस पर जो भी लागू होता है यदि पर्यावरण संरक्षण के लिए निर्धारित मानकों का पालन नहीं करता है तो अधिनियम के अंतर्गत सुसंगत धाराओं में कार्यवाही की जाती है। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा राज्य की प्रमुख नदियों, झीलों, भूगर्भ, जल आदि में जल गुणवत्ता का अनुसरण किया जाता है। जबकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा राज्य के 6 शहरों में 8 स्थानों पर परिवेशीय वायु गुणवत्ता अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है।लगातार पर्यावरण को हो रहे भारी नुकसान को लेकर विधायक के सवाल के जबाब में पर्यावरण मंत्री डॉ रावत ने 21 अप्रैल 2021 तक पर्यावरण नीति बनाने का भरोसा दिया।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक नदियों के तटों पर उद्योगों की श्रेणी में शामिल स्टोन क्रेशर के द्वारा निर्धारित मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए बड़े पैमाने पर वायु व ध्वनि प्रदूषण किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button