कर्णप्रयाग के डिम्मर गांव मे मां उमा देवी की पूजा-अर्चना और नये अनाज का भोग अर्पित करते ग्रामीण।
प्रकाश चंद्र डिमरी
कर्णप्रयाग। ब्लाक के डिम्मर गांव के ग्रामीणों ने अपनी आराध्य मां उमा देवी को नये अनाज(बाड़ी-भात) का भोग अर्पित किया।
डिम्मर गांव के आलीगदेरे मे स्थित मां उमा देवी के पौराणिक मंदिर मे आचार्य गणेश चंद्र खंडूड़ी और ग्रामीणों ने वैदिक मंत्रोच्चारों के साथ उमा देवी की पूजा-अर्चना कर नये अनाज आटे से बनी हुई बाड़ी और भात का भोग अर्पित किया। तथा तत्पश्चात सेकड़ों की संख्या मे आए श्रद्धालुओं ने माता को अर्पित किए गये भोग प्रसाद को कतारबद्ध बैठकर ग्रहण किया। और दोपहर को मंदिर से आचार्य माता की केशर चांवलों से सुसज्जित चौकी और प्रज्वल्लित दीपक को दुर्गा शप्तशती मंत्रों के साथ गांव खल्दार तोक मे शक्ति माता के मंदिर से पौराणिक चौंरीचौक के खांडू देवता मंदिर मे प्रतिस्थापित किया। इस दौरान देवी-देवताओं के पश्वाओं ने अवतरित होकर श्रद्धालुओं को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दिया।
गांव के 90 वर्षीय पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक मोहन प्रसाद डिमरी ने बताया कि पौराणिक काल से श्री बदरीनाथ धाम के डिमरी पुजारियों के मूल ग्राम डिम्मर मे श्री बदरी विशाल भगवान के कपाट खुलने के बाद यात्रा के सफल संचालन के दृष्टिगत ज्यैष्ठ माह के रविवार को मां उमा देवी को नया अनाज बाड़ी-भात का भोग और भगवान के कपाट बंद होने के उपरांत मांगशीर्ष माह मे भी विश्व कल्याण के लिए नया अनाज गहथ-भात का भोग अर्पित किया जाता है।
इस मौके पर कमलेश्वर प्रसाद डिमरी, प्रभुकांत डिमरी, गोवर्द्धन प्रसाद डिमरी, अशोक डिमरी, शंकरदत्त डिमरी, अजय डिमरी, हर्षवर्द्धन डिमरी, प्रणवैंद्र प्रसाद, शैलैंद्र प्रसाद सहित डिम्मर, नाकोट, सैंण, भभराड़ी, राड़खी, मज्याड़ी, सिमली, कर्णप्रयाग, गोपथला आदि स्थानों से सेकड़ों की संख्या मे श्रद्धालुओं ने मां उमा देवी के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। जन-आगाज।