देहरादून: कोरोना के मामले बहुत कम जरूर हो गए हैं, लेकिन अब तक कोरोना पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। कोरोना को लेकर लगाई गई सभी तरह की पाबंदियां भी समाप्त कर दी गई हैं। लेकिन, खतरा अभी टला नहीं है। बल्कि खतरा और तेजी से और खतरनाक ढंग से बढ़ रहा है।
उत्तराखंड में पिछले दो महीनों के दौरान सामने आए कोरोना के मामलों में 60 फीसदी मरीज डेल्टा वेरिएंट के मिले हैं। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि 40 प्रतिशत मरीजों में कोरोना वायरस के नए म्यूटेशन पाए गए हैं। लेकिन, राहत की बात यह है कि वैक्सीनेश और हर्ड इम्युनिटी से कोरोना संक्रमण बहुत कम हो गया है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से पिछले दो महीनों में राज्य के सभी जिलों से 400 के करीब सैंपल जांच के लिए देश की विभिन्न लैबों में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजी गई। इनकी रिपोर्ट अब विभाग को मिली है। बताया जा रहा है कि कि इन चार सौ सैंपलों में से 250में कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माने गए डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित मिले हैं।
जबकि अन्य 40 प्रतिशत सैंपलों में सामान्य कोरोना वायरस के साथ ही वायरए के नए म्यूटेशन ए-वाई सीरीज का संक्रमण मिला है। कोरोना वायरस में बहुत तेजी से म्यूटेशन हो रहे हैं। ए-वाई सीरीज के भी अभी तक 39 बदलाव सामने आ चुके हैं। राहत की बात यह है कि नए म्यूटेशन बहुत सामान्य हैं और इनसे फिलहाल लहर जैसा खतरा नहीं है।