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पुलिस ने की जिला बदर की कार्रवाई ! आखिर क्या होता है जिला बदर और किस पर की जाती है ?

देहरादून

कोतवाली पटेलनगर पुलिस द्वारा जिला बदर कार्यवाही में 01 अभियुक्त को 06 माह के लिए जनपद की सीमा से किया गया निष्कासित ।

जिला मजिस्ट्रेट देहरादून  के आदेश के क्रम में विभिन्न गुंडा अधिनियम के वादों में आपराधिक प्रवृत्ति में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध कोतवाली पटेलनगर पुलिस द्वारा जिला बदर की कार्यवाही में 01 अभियुक्त को जनपद की सीमा से 06 माह के लिए निष्कासित किया गया है जिसे जनपद की सीमा तक पुलिस टीम द्वारा छोडा गया व हिदायत दी गई कि आदेशानुसार आप 06 माह तक जनपद की सीमाओं मे प्रवेश नही करोगे यदि आदेश का उलंघ्न करते पाये गये तो आपके विरुद्व उचित बैधानिक कार्यावाही अमल मे लाई जायेगी ।

फोटो :विभिन्न जनपदों में पुलिस द्वारा आरोपियों को जिला बदर करते हुए (फ़ाइल फ़ोटो)

 

क्या होती है जिला बदर की कारवाई?

जिला बदर का आसान भाषा में मतलब है कि किसी व्यक्ति को एक जिले से दूसरे जिले में भगा देना या अपने जिस जिले में वह है उस जिले से उसको प्रतिबंधित कर देना। अगर प्रशासनिक शब्द के रूप में समझें तो जिला बदर से मतलब वह प्रशासनिक कार्यवाही है जिसमें आपराधिक प्रवृत्तियों में लिप्त व्यक्तियों को कुछ निर्धारित समय के लिए जिले से बाहर कर दिया जाता है। यह कार्यवाही जिला के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दी गई अनुशंसा पर जिला कलेक्टर (दंडाधिकारी) के द्वारा की जाती है।
आम तौर पर चुनाव के समय या किसी बड़े आयोजन के पहले ऐसा किया जाता है। मतलब कोई भी व्यक्ति जो आदतन अपराधी है, जो हमेशा अपराध करता ही है तो ऐसे व्यक्ति को किसी विशेष टाइम के लिए जैसे 2 महीने 1 महीने या 4 – 6 महीने के लिए उस जिले से बाहर आदेश कर दिया जाता है कि आप कहीं भी रहे लेकिन इस जिले में ना रहें अन्यथा पर आप कार्रवाई की जाएगी या आपको जेल भेज दिया जाएगा।

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