

देहरादून: उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली के डिम्मर गांव के अनुभव डिमरी ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा पास कर उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। सीमांत जिला चमोली के कर्णप्रयाग तहसील के डिम्मर गांव के चंद्रशेखर डिमरी के बेटे अनुभव डिमरी ने आईएएस परीक्षा उत्तीर्ण कर सफलता का परचम लहराया है।
अनुभव के पिता चंद्रशेखर डिमरी सेना से रिटायर होने के बाद रेलवे सुरक्षा में कोलकाता में तैनात हैं। बताया जा रहा है कि अनुभव ने सेना में रहते हुए पिता के साथ ही पठन पाठन किया। बीएससी कंप्यूटर साइंस से अनुभव ने 2019 में परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद अनुभव ने आईएएस बनने की ठानी। बीएससी उत्तीर्ण करने के पश्चात वह यूपीएससी परीक्षा की तैयारियों में जुट गया। यूपीएससी 2020 की परीक्षा को उत्तीर्ण कर उसने अपना सपना तो पूरा किया ही अपितु चमोली तथा उत्तराखंड राज्य का नाम रोशन किया है।
एक साधारण परिवार में पठन पाठन के पश्चात उसने जीवन संघर्ष के क्षेत्र में सबसे बडा मुकाम हासिल किया है। श्री बद्रीनाथ धाम के पुजारी समुदाय का मूल ग्राम डिम्मर वैसे भी प्रतिष्ठित लोगों का गांव है। एक दौर में इसी गांव से दिवंगत एडवोकेट घनश्याम डिमरी व पंडित योगेश्वर प्रसाद खंडूरी दो—दो विधायक भी हुए हैं। यही नहीं कई लोग अभी भी देश की बेहतर सेवाओ में तैनात हैं। इस बार एक साधारण परिवार के बेटे ने सफलता का मुकाम हासिल कर अन्य लोगों को भी भविष्य में आगे बढऩे की प्रेरणा दी है। जिले व क्षेत्र के तमाम सामाजिक राजनीतिक व धार्मिक संगठनों ने अनुभव डिमरी की सफलता पर खुशी जताते हुए इसे भगवान बदरीविशाल का आशीर्वाद माना है।
अनुभव के ताऊ जी पौड़ी में न्याय विभाग में कार्यरत गणेश चंद्र डिमरी बताते हैं कि अनुभव बाल्यावस्था से ही मेधावी व परिश्रमी प्रवृत्ति का था। डिमरी समाज के विभिन्न लोगों व जनप्रतिनिधियों ने अनुभव को को शुभकामनाएं देते हुए देश के लिए बेहतर सेवाएं देने की भगवान बदरीविशाल से मनौती मांगी है। अनुभव की सफलता से जिला चमोली के डिम्मर गांव समेत तमाम क्षेत्रों में उमंग व उल्लास बना हुआ है।