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चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं: महाराज

देहरादून: चारधाम यात्रा के दौरान किसी प्रकार की कोताही बर्रदास्त नहीं की जाएगी। अतिथि सत्कार और प्रबंधन (hospitality) का पूरा ध्यान रखा जाए। यात्रा के दौरान वहन क्षमता (carrying capacity) से अधिक यात्रियों का प्रवेश न हो इसकी भी उचित व्यवस्था होनी चाहिए। भूस्खलन और जाम की स्थिति में यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग से निकालने की सुविधा होनी चाहिए। उक्त बात प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, पंचायत राज, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने चारधाम यात्रा व्यवस्था की तैयारियों की की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कही।

बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री चारधाम यात्रा के दौरान इस बार रिकॉर्ड तोड़ तीर्थ यात्रियों के यहां पहुंचने की संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, पंचायत राज, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने शनिवार को उत्तराखंड सचिवालय, पंचम तल स्थित विश्वकर्मा भवन में चारधाम यात्रा व्यवस्था की तैयारियों के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि चारधाम यात्रा में किसी भी प्रकार की लापरवाही और अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चारधाम यात्रा व्यवस्था की समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने लोक निर्माण, एनएचआई, डीजीबीआर, गृह, पुलिस, चिकित्सा, खाद्य एवं आपूर्ति, परिवहन, पर्यटन, गढ़वाल मंडल विकास निगम आदि विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर स्पष्ट निर्देश दिए कि यात्रा के दौरान अतिथि सत्कार और प्रबंधन (hospitality) का पूरा ध्यान रखा जाए।

वहन क्षमता (carrying capacity) से अधिक यात्रियों का प्रवेश न हो इसकी भी उचित व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि पर्यटक आवास गृहों में अब तक 10 करोड़ 22 लाख की बुकिंग की जा चुकी है ऐसे में बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों के यहां पहुंचने की संभावना है। भूस्खलन और जाम की स्थिति में यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग से निकालने की व्यवस्था होनी चाहिए। यात्रा मार्गों पर यात्रियों की सुविधा हेतु जगह-जगह संकेतक (signage) होने चाहिए।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग पर जो भी सड़कें लोक निर्माण विभाग के अधीन है उनका सुधारीकरण समय पर पूरा हो जाना चाहिए।डीजीबीआर के अधीन आने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों का चौड़ीकरण भी शीघ्रता से कर लिया जाए। यात्रा के दौरान अवरुद्ध मार्गो को खोलने वाली मशीनों की तैनाती के साथ-साथ डंपिंग जोनो का शीघ्रता से समतलीकरण कर जाम की स्थिति में वाहनों की पार्किंग और शौचालयों के लिए उसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने गृह एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि यात्रा सीजन में धामों एवं यात्रा मार्गों पर एसडीआरएफ, पुलिस बल, जल पुलिस, गोताखोर व ट्रैफिक पुलिस की तैनाती का उचित प्रबंधन होना चाहिए।

बैठक में उपस्थित चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए पर्यटन मंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्गों पर अस्थाई चिकित्सा केंद्रों में पर्याप्त स्टाफ की तैनाती, जीवन रक्षक दवाई, उपकरण, पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर एवं एंबुलेंस की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि श्री केदारनाथ एवं यमुनोत्री धाम में हृदय रोग विशेषज्ञ व अन्य विशेषज्ञों की तैनाती सुनिश्चित की जाए। उन्होंने मिलावटी खाद्य पदार्थों की चेकिंग हेतु स्वास्थ्य निरीक्षकों की तैनाती के साथ-साथ खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों से कहा कि वह यात्रा मार्गों में खाद्य सामग्री की उपलब्धता व इसकी आवश्यकता को मध्यनजर रखते हुए निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करें।

पर्यटन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्गों पर होटल ढाबों आदि में भोजन एवं आवासीय सुविधाओं के रेट निर्धारण के साथ-साथ इस बात का ध्यान रखा जाए कि किसी भी यात्री से अधिक पैसा ना वसूला जाए। समीक्षा बैठक में उपस्थित परिवहन विभाग के अधिकारियों से उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग पर चैक पोस्ट स्थापित कर वाहनों की नियमित चेकिंग की जाए ओवरलोडिंग का विशेष ध्यान रखा जाए और नशे में ड्राइविंग पर सख्ती बरती जाए।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यात्रा मार्ग अवरुद्ध होने की स्थिति में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए की तीर्थ यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। बच्चों बुजुर्गों एवं महिलाओं का विशेष ध्यान रखते हुए जाम की स्थिति में उनके लिए पानी, दूध एवं फल आदि की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए।

पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए श्री महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों के पंजीकरण हेतु टूरिस्ट सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम होना अनिवार्य है। यात्रियों के रजिस्ट्रेशन का तभी लाभ हो सकता है जब हम वहन क्षमता (carrying capacity) का कड़ाई से पालन करें। ताकि हम अतिथि सत्कार और प्रबंधन (hospitality) का एक अच्छा प्रभाव आने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियों पर छोड़ सकें।

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