ज्ञानवापी सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट की रोक: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद बोले- जांच नहीं होने देना चाहते मुस्लिम, इसका मतलब मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई
दीपक कौरव, नरसिंहपुर। उच्चतम न्यायालय (Supreme court) ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर (Gyanvapi Mosque Complex) में एएसआई (ASI) के सर्वे (Survey) पर दो दिन के लिए रोक लगा दी है। इस फैसले के बाद मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर (Narsinghpur) के झोतेश्वर (Jhoteswar) में मौजूद ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Swami Avimukteshwaranand) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम बंधु जांच नहीं होने देना चाहते, इसका मतलब मंदिर तोड़कर मस्जित बनाई गई। इस बात से वे घबरा रहे हैं।
Gyanvapi सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट की रोक: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद बोले- जांच नहीं होने देना चाहते मुस्लिम, इसका मतलब मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi case) की जांच होने में हर्ज क्या है। जांच को रोकने के लिए इतना बड़ा प्रयास क्यों किया जा रहा है। जांच ही तो हो रही है। मंदिर पवित्र होता है। भगवान विराजमान होते हैं, उनके आभूषण होते हैं भोजन आदि की प्रक्रिया होती है। यह तय होता है कि कहां तक जाना और नहीं जाना चाहिए लेकिन मस्जिद में यह सब नहीं होता। क्योंकि वहां पर सब कुछ साफ सुथरा रहता है। इतनी जल्दी सुप्रीम कोर्ट भागने की क्या जरूरत थीं।
अविमुक्तेश्वरानंद आगे कहा कि रोक लगवाने की क्या जरूरत थी। इसका मलतब है मुस्लिम बंधु जांच नहीं होने देना चाहते है। इसका मतलब है कि जो हमारे मन में धारण है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई हैं, इस शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi case) की जांच होने में हर्ज क्या है। जांच को रोकने के लिए इतना बड़ा प्रयास क्यों किया जा रहा है। जांच ही तो हो रही है। मंदिर पवित्र होता है। भगवान विराजमान होते हैं, उनके आभूषण होते हैं भोजन आदि की प्रक्रिया होती है। यह तय होता है कि कहां तक जाना और नहीं जाना चाहिए लेकिन मस्जिद में यह सब नहीं होता। क्योंकि वहां पर सब कुछ साफ सुथरा रहता है। इतनी जल्दी सुप्रीम कोर्ट भागने की क्या जरूरत थींबात को वह जानते है और घबरा रहे हैं। उनको तो जांच का स्वागत करना था।
अविमुक्तेश्वरानंद आगे कहा कि रोक लगवाने की क्या जरूरत थी। इसका मलतब है मुस्लिम बंधु जांच नहीं होने देना चाहते है। इसका मतलब है कि जो हमारे मन में धारण है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई हैं, इस बात को वह जानते है और घबरा रहे हैं। उनको तो जांच का स्वागत करना था।