Pauri garhwali

उत्तराखण्ड के कार्यक्रम क्रियान्वयन एवं संस्कृत शिक्षा सचिव दीपक गैरोला का तूफानी गढ़वाल दौरा

जन आगाज डेस्क
पौड़ी। उत्तराखण्ड सरकार में कार्यक्रम क्रियान्वयन व संस्कृत शिक्षा सचिव  दीपक कुमार, 23 अगस्त को Bharari sain विधानसभा सत्र समाप्ति उपरांत; 24 अगस्त को  चमोली में कार्यक्रम क्रियान्वयन के कार्यों का अनुश्रवण  एवं रुद्रप्रयाग में संस्कृत विद्यालय के सहायक निदेशक कार्यालय के निरीक्षण एवं शिक्षकों से भेंट उपरांत 24 अगस्त को ही देर शाम पौड़ी पहुंचे.

25 अगस्त को उन्होंने पौड़ी जनपद के संस्कृत विद्यालयों  का भ्रमण किया जिसमें सर्वप्रथम संस्कृत विद्यालय किंकालेश्वर पहुंचे । वहां अध्यापकों से चर्चा की साथ ही छात्रों से भी संवाद किया इस दौरान उन्होंने विद्यालय में संसाधनों को और बेहतर करने के लिए  कहां.  अपनी तरफ से भी एक सहयोग राशि प्रदान की और कहा, जिलाधिकारी आदि से भी हम सहयोग को कहेंगें.  आप लोग भी इसे आगे बढाने के लिए प्रयासरत रहें।  सहायक निदेशक पौड़ी मनोज सेमल्टी, अनसूया प्रसाद सुंदरियाल आदि साथ में रहे ।

तत्पश्चात कोट ब्लॉक में स्थित ब्रिगेडियर विद्याधर जुयाल संस्कृत विद्यालय पहुंचे जहां गुरुकुल में छात्रों के द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया उसके बाद शिक्षकों के साथ बैठकर चर्चा की  संस्कृत शिक्षा कैसे आगे बढ़ सकती है उसमें सभी से सहयोग के लिए कहा शिक्षकों से संवाद कर उनसे सुझाव भी लिए। उसके बाद सभागार में छात्रों के साथ बैठकर संवाद किया और कहा कि वास्तव में यहां के भौतिक संसाधन,  छात्र संख्या,  विद्यालय के आज तक के परिणामों को जानकर बहुत आनंदित हुआ और लगा कि संस्कृत में वास्तविक काम आप लोग कर रहे हैं।आपके सुरक्षित भविष्य हेतु हमारा पूर्ण प्रयास रहेगा।इस दौरान मनोज सेमल्टी सहायक निदेशक पौडी, भारत सरकार मे राष्ट्रीय बागवानी  बोर्ड के निदेशक विरेन्द्र जुयाल, प्रधानाचार्य अनुसूया प्रसाद सुन्दरियाल , व सभी आचार्यगण उपस्थित रहे.तदुपरांत देवप्रयाग स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली की शाखा के निदेशक एवं शिक्षकों से प्रदेश में संस्कृत के उत्थान हेतु चर्चा की.

अंत में मुनि की रेती, टिहरी गढ़वाल स्थित दर्शन संस्कृत विद्यालय  के प्रबंधन, प्रधानाचार्य एवं शिक्षक  गणों से संस्कृत से संबंधित गहन चर्चा की गयी.  इस अवसर पर विद्यालय में विशेष समारोह का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों ने संस्कृत के श्लोकों का वाचन किया और अपने शिक्षकों की प्रेरणा से संस्कृत के महत्व पर प्रकाश डाला। सचिव ने छात्रों और शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की और उन्हें संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और परंपरा के संतुलन को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया तथा छात्रों को संस्कृत के अध्ययन में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया और संस्कृत शिक्षा के माध्यम से समाज में संस्कृति की धरोहर को संरक्षित रखने के महत्व पर विचार साझा किए।समारोह का समापन शान्ति मन्त्र के साथ हुआ, और विद्यालय के प्रधानाचार्य ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर टिहरी जिले के सहायक निदेशक-संस्कृत शिक्षा पूर्णानंद भट्ट, विद्यालय के  प्रबंधक शास्त्री जी, आचार्य  मुकेश बहुगुणा, सत्येश्वर प्रसाद डिमरी, डा. कमल डिमरी, डा. सुशील कुमार नौटियाल, आशीष जुयाल, डा. शान्ति प्रसाद मैठानी, श्रीमति सीमा,  रामप्रसाद, अनूप रावत, डा. हर्षानन्द उनियाल, गोपी सिलस्वाल आदि उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button