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रुद्रप्रयाग मद्मेश्वर घाटी में फंसे स्थानीय और पर्यटकों में रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ शुरू 40 लोगों को किया गया हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू देखिए वीडियो

 

 

मदमहेश्वर घाटी में फंसे लोगों का हैलीकॉप्टर के माध्यम से शुरू हुआ रेस्क्यू

मदमहेश्वर घाटी में अतिवृष्टि के कारण ग्राम गौंडार में बणतोली स्थान पर पैदल मार्ग को जोड़ने वाला पुल एवं मार्ग का कुछ हिस्सा बहने के कारण सम्पर्क मार्ग टूट जाने से वहाँ पर गये यात्री एवं स्थानीय लोग फंस गये थे। सूचना के उपरान्त एसडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें वहाँ पहुँच गयी थी, जिनके द्वारा विगत दिवस 52 लोगों को सुरक्षित निकाला गया था। आज मौसम के साफ होने पर मदमहेश्वर घाटी में फंसे लोगों को हैलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर निकाला जा रहा है। मदमहेश्वर धाम से तकरीबन 6-7 कि0मी0 नीचे नानू नामक स्थान पर स्थानीय लोगों व महिलाओं की मदद से वैकल्पिक व अस्थाई हैलीपैड तैयार किया गया है। यहाँ तक लोग पैदल पहुंच रहे हैं। इन लोगों को हैलीकॉप्टर द्वारा रांसी गांव तक छोड़ा जा रहा है, जहां से वापसी का सफर सड़क मार्ग से किया जा रहा है। आज अब तक 40 लोगों का हैलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर लिया गया है। अस्थाई हैलीपैड पर लोगों को तरतीबवार भेजने हेतु थाना गुप्तकाशी का पुलिस बल मौजूद है।

मैनुअल तरीके व हैलीकॉप्टर से किया जा रहा मदमहेश्वर घाटी में फंसे लोगों का रेस्क्यू

मदमहेश्वर घाटी में अतिवृष्टि के कारण ग्राम गौंडार में बणतोली स्थान पर पैदल मार्ग को जोड़ने वाला पुल एवं मार्ग का कुछ हिस्सा बहने के कारण वहाँ पर गये यात्री फंस गये थे। सूचना के उपरान्त एसडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें वहाँ पहुँच गयी थी। अत्यधिक बारिश होने के कारण व नदी का जलस्तर बढ़ा होने के कारण रेस्क्यू कार्य नहीं हो पा रहा था। बारिश थमने व नदी का जलस्तर कम होने पर एसडीआरएफ व डीडीआरएफ द्वारा कल दिन से रेस्क्यू कार्य प्रारम्भ कर यात्रियों को सुरक्षित निकालने का कार्य किया गया है। कल कुल 52 यात्रियों को सुरक्षित निकालने के उपरान्त उनके गन्तव्य के लिए रवाना किया गया था। आज प्रातः काल इस स्थान पर पुनः रेस्क्यू कार्य शुरू हो गया है। जो लोग बणतोली तक व आसपास पहुंच चुके हैं, उनको एसडीआरएफ व डीडीआरएफ द्वारा रेस्क्यू रस्सियों की मदद से रिवर क्रासिंग मैथड से सुरक्षित पार करवाया जा रहा है। जो लोग इस स्थल से ऊपर की तरफ हैं, उनको नानू खर्क में बने अस्थाई हैलीपेड से हैलीकॉप्टर से रांसी तक छोड़ा जा रहा है।

 

 

 

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