19 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन
देहरादून। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की रक्षाबंधन भाई-बहनों के अटूट संबंध का त्योहार है। ये त्योहार हर साल श्रावण मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई के कलाई पर राखी बांधकर उनकी रक्षा का वचन लेती हैं, साथ ही भाई अपनी बहनों की रक्षा और जीवनभर साथ देने का वचन देते हैं। रक्षा बंधन सिर्फ एक त्योहार मात्र नहीं है, ये भाइयों और बहनों के बीच के संबंध को मजबूत करने का एक बहुत खूबसूरत जरिया भी है। यह त्योहार केवल भाई-बहन के बीच का ही नहीं, बल्कि रिश्तेदारों, दोस्तों और समाज के लोगों के बीच भी प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है। इस साल ये त्योहार 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन लोग एक-दूसरे को राखी बांधकर और मिठाइयां खिलाकर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। रक्षाबंधन का त्योहार हमें सिखाता है कि हमें हमेशा अपने भाई-बहनों और परिवार के लोगों की रक्षा करनी चाहिए। हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाएगा। राखी बांधने से जुड़ी एक खास बात बहुत कम लोगों को मालूम होता है कि भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। शास्त्र और मुहूर्त शास्त्र में भद्रा काल को अशुभ माना गया है।
वैसे तो हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाएगा। मगर ग्रेगोरियन कैलेंडर की बात की जाए तो इस साल 19 अगस्त 2024 को रक्षाबंधन मनाया जाएगा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 19 अगस्त को प्रातः 03:04 मिनट पर शुरू होगा। वहीं इसकी समापन की बात की जाए तो 19 अगस्त को मध्य रात्रि 11:55 पर समाप्त होगा।
श्रावण पूर्णिमा तिथि आरंभ- 19 अगस्त 2024 को सुबह 03:04
श्रावण पूर्णिमा तिथि समापन- 19 अगस्त 2024 को मध्य रात्रि 11:55
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:30 से रात्रि 09:07 तक रहेगा। कुल मिलाकर शुभ मुहूर्त 07 घंटे 37 मिनट का होगा।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त आरंभ – दोपहर 01:30 के बाद
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त समापन- रात्रि 09:07 तक
भद्राकाल में नहीं बांधी जाती है राखी
भद्राकाल के समय को अशुभ माना जाता है, मान्यताओं के अनुसार इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्यक्रम नहीं किया जाता है, जिसमें राखी बांधना भी शामिल है। भद्राकाल में राखी बांधने से भाई-बहन के रिश्ते में तनाव आता है और मनोकामनाएं भी पूरी नहीं होती हैं। इसलिए रक्षा बंधन का पवित्र कार्य शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए। यही कारण है कि लोग राखी बांधते समय भद्रकाल का ध्यान रखते हैं, और शूभ मुहूर्त में ही राखी बांधते हैं।
भद्राकाल
भद्राकाल – पूर्णिमा तिथि के प्रारंभ के साथ भद्रा की शुरुआत
भद्राकाल की समाप्ति – 19 अगस्त 2024 को दोपहर 1:30 पर
भद्रा मुख – 19 अगस्त को प्रातः 10:53 से दोपहर 12:37 तक
भद्रा पूंछ – 19 अगस्त को प्रातः 09:51 से प्रातः 10:53 तक