Chamoli

पुलिस पेंशनर्स हैं पुलिस का अभिन्न अंग

चमोली। पुलिस का कार्य समाज में सुरक्षा और शांति स्थापित करना है, लेकिन इसके साथ ही पुलिस बल के सदस्यों के लिए पेंशनर्स और शहीद पुलिस जनों के आश्रितों को उचित सम्मान और सहायता देना भी आवश्यक है। पुलिस पेंशनर्स, जो अपने सक्रिय सेवा काल में समाज की रक्षा और शांति के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर चुके हैं, अब भी पुलिस विभाग का अभिन्न अंग हैं। उनका अनुभव और ज्ञान न केवल विभाग के लिए, बल्कि समाज के लिए भी अमूल्य है। पुलिस अधीक्षक चमोली सर्वेश पंवार महोदय द्वारा आज गोपेश्वर में पुलिस पेंशनर्स व शहीद पुलिसजनों के आश्रितों के साथ गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें उनकी समस्याएं पूछते हुए सुझाव माँगे गये, साथ ही वेलफेयर एवं समस्याओं के शीघ्र निवारण हेतु सम्बन्धित को निर्देशित किया गया।
पुलिस अधीक्षक ने इस बैठक में पेंशनर्स की समस्याओं को सुनते हुए कहा कि वो केवल रिटायर्ड नहीं हैं, बल्कि पुलिस परिवार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उनकी भलाई और उनकी समस्याओं का समाधान करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि पुलिस विभाग पेंशनर्स के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि शहीदों के परिवारों को किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं सहनी पड़ेगी, और उनके कल्याण के लिए विभाग हमेशा तत्पर रहेगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि सभी आवश्यक सुविधाएं और सहयोग प्रदान किया जाएगा।
पेंशनर्स और शहीद पुलिसकर्मियों के आश्रितों से बातचीत करते हुए उनकी विभिन्न समस्याओं को जाना। इनमें पेंशन संबंधी मुद्दे, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, और अन्य प्रशासनिक बाधाएं शामिल थीं। पेंशनर्स ने अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त किया और पुलिस अधीक्षक ने धैर्यपूर्वक उनकी बातें सुनीं। पेंशनर्स को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेंशनर्स की समस्याओं का शीघ्र निवारण किया जाए और उन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। इस तरह की बैठकें न केवल पेंशनर्स और शहीदों के आश्रितों के प्रति पुलिस विभाग की संवेदनशीलता को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी दिखाती हैं कि पुलिस एक परिवार है। विभाग हमेशा अपने सदस्यों के सुख-दुख में उनके साथ खड़ा रहेगा। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस पेंशनर्स और शहीद पुलिसजनों के आश्रितों का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है। उनकी सेवाओं और बलिदानों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना और उनकी समस्याओं को समझना एक सक्षम समाज की पहचान है। हम सभी को मिलकर एक ऐसा वातावरण बनाना होगा, जहाँ हमारे पुलिसकर्मी, चाहे वे सक्रिय हों या पेंशनर्स, हर परिस्थिति में सुरक्षित और समर्थ महसूस करें। यह मुलाकात पेंशनर्स और शहीद पुलिसकर्मियों के आश्रितों के लिए एक आशा की किरण साबित हुई है। उन्हें यह विश्वास दिलाया गया है कि उनके साथ अन्याय नहीं होगा और पुलिस विभाग उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा।

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