देहरादून: चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए तरह तरह के प्रयास शासनिक व प्रशासनिक लेवल पर किए जा रहे हैं। अब प्रदेश सरकार ने धामों में से एक यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए प्लान बनाया है। बहुत जल्द खरसोली से यमुनोत्री तक 183 करोड़ की लागत से रोपवे बनने जा रहा है। जिसके चलके श्रद्धालु तीन घंटे का सफर महज नौ मिनटों में पूरा कर सकेंगे।
उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को लेकर पहले से अपना फोकस साफ रखा है। गौरतलब है कि यात्रा में देश-विदेश के कोने कोने से भक्त पहुंचते हैं। हर उम्र के श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार हर किसी को सुविधा देने की कोशिशों में जुटी हुई है। अब अच्छी खबर यमुनोत्री धाम से आई है।
देहरादून-मसूरी, कद्दूखाल-सुरकंडा देवी, तुलसीगाड- पूर्णागिरि, गौरीकुंड-केदारनाथ, घांघरिया- हेमकुंड साहिब रोपवे के बाद यमुनोत्री रोपवे को लेकर कवायद तेज की गई है। मुख्यमंत्री धामी ने इस परियोजने में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि फिलहाल वक्त में यमुनोत्री धाम तक जाने के लिए श्रद्धालुओं को खरसाली से छह किलोमीटर खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है।
जिसमें उन्हें करीब तीन घंटे का समय लग जाता है। थकान होती है वो अलग। ऐसे में उम्र दराज और किसी बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए दिक्कतें अधिक रहती हैं। मगर अब यह परेशानी नहीं होंगी। खरसाली से यमुनोत्री तक रोपवे निर्माण किया जाएगा। साढ़े तीन किलोमीटर लंबे इस रोपवे के लिए पर्यटन विभाग जल्द ही एक फर्म के साथ एग्रीमेंट की कार्रवाई करने जा रहा है।
बता दें कि पहले 2008 में रोपवे की बात हुई थी। टेंडर भी हो गए थे मगर काम नहीं हो सका। 2010 में भी रोपवे निर्माण की जिम्मेदारी फर्म के पास गई। ग्रामीणों ने पर्यटन विभाग को भूमि भी दे दी। मगर फिर फर्म ने 2014 में यह कहकर हाथ खींच लिए कि यहां आवाजाही कम है। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर का मानना है कि अब चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने से निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।
इस लिहाज से अब फिर से कवायद तेज कर दी गई है। अब रोपवे निर्माण के मद्देनजर पूर्व में बनाई गई कंपनी नई फर्म को सौंपी जाएगी। प्रयास ये है कि पीपीपी मोड में बनने वाली यमुनोत्री रोपवे परियोजना पर इसी वित्तीय वर्ष में कार्य शुरू हो जाए। हो ना हो, श्रद्धालुओं को सबसे अधिक फायदा होने वाला है।