NEET UG 2024 की 23 जून को दोबारा परीक्षा
नई दिल्ली। नीट यूजी 2024 की 23 जून को दोबारा परीक्षा होगी, जिसका नतीजा 30 जून तक आ जायेगा? सुप्रीम कोर्ट वर्तमान में नीट 2024 को रद्द करने और फिर से परीक्षा कराने की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जो पेपर लीक और ग्रेस मार्क्स के आवंटन में अनियमितताओं के आरोपों के कारण प्रेरित थे। कार्यवाही के दौरान, यह घोषणा की गई कि 1,563 नीट यूजी 2024 उम्मीदवारों के अंक अमान्य कर दिए गए हैं। नीट ने अदालत को सूचित किया है कि इन उम्मीदवारों के लिए 23 जून को फिर से परीक्षा होगी, जिसके परिणाम और काउंसलिंग 30 जून तक आने की उम्मीद है। जस्टिस विक्रम नाथ और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाश पीठ शिवांगी मिश्रा और नौ अन्य द्वारा 1 जून को परिणाम घोषित होने से पहले दायर की गई पहली याचिका पर सुनवाई कर रही है।
उधर, नीट यूजी 2024 परीक्षा में ओएमआर शीट फटी मिलने के कारण परिणाम घोषित न होने के एक मामले में दाखिल याचिका पर हाई कोर्ट ने नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) से मूल दस्तावेज पेश करने को कहा है। जस्टिस राजेश चौहान की अवकाश कालीन पीठ ने छात्रा आयुषि पटेल की याचिका पर यह आदेश दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि छात्रा की ओएमआर शीट से भरा अप्लीकेशन नंबर और ई-मेल से भेजा गया नंबर अलग-अलग हैं। इस पर कोर्ट ने एनटीए और याची को तीन दिन का समय देते हुए ओरिजिनल दस्तावेज पेश करने का आदेश दिया । अगली सुनवाई 18 जून को होगी।
याचिका में मांग की गई है कि छात्रा की ओएमआर शीट का मैनुअल मूल्यांकन करवाया जाए। एनटीए के खिलाफ केंद्र सरकार को जांच का आदेश दिया जाए और वर्तमान याचिका के विचाराधीन रहते काउंसलिंग पर रोक लगाई जाए। याची की ओर से दलील दी गई कि उसे एनटीए से एक ई-मेल मिला, जिसमें कहा गया कि उसकी ओएमआर शीट फटी मिली है। लिहाजा, उसका परिणाम घोषित नहीं किया जा रहा है।
याचिका का विरोध करते एनटीए की ओर से छात्रा की ओरजिनल ओएमआर शीट स्कोर कार्ड और अटेंडेंस शीट पेश कर बताया गया कि इन दस्तावेज में छात्रा का अप्लीकेशन नंबर 240411340741 है, जिसे छात्रा ने खुद हस्ताक्षरित किया है। इसके बावजूद छात्रा अप्लीकेशन नंबर 240411340741 के बारे में ई-मेल भेज रही थी। कोर्ट ने पाया कि दोनों अप्लीकेशन नंबर में एक अंक ‘3‘ और ‘8‘ का अंतर है। इस पर कोर्ट ने दोनों पक्षों को अगली सुनवाई पर ओरिजिनल रेकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया है।
जबकि यूजी के मामले में आरोपों से घिरी एनटीए के अधिकारियों ने बुधवार दावा किया कि पेपर लीक नहीं हुआ और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की पवित्रता से कोई समझौता नहीं किया गया है। एनटीए के डीजी सुबोध कुमार सिंह ने दावा किया कि एग्जाम में अनुचित साधों के इस्तेमाल के 63 मामले सामने आए, जिनमें 23 अभ्यर्थियों को परीक्षा से वंचित कर दिया गया और अनुचित साधों का इस्तेमाल करने वाले 40 उम्मीदवारों के परिणाम रोक दिए गए। उन्होंने कहा कि गे्रस माक्र्स पाने वाले 1563 अभ्यर्थियों के भाग्य का फैसला जांच कमिटी की रिपोर्ट आने के बाद होगा।