*7 सितंबर से शुरू होगी मां चंडिका की बन्याथ यात्रा*
मां चंडिका के दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु
-प्रकाश चंद्र डिमरी-
कर्णप्रयाग। सुदंरगांव, जाख, सैनू और सिमली गांव की जनता, ऐरवाला और बाल देव भगवान के प्रतिनिधियों को लेकर चंडिका देवी मंदिर सिमली पहुंचे।
14 वर्षों के बाद श्री राज राजेश्वरी चंडिका देवी की बन्याथ यात्रा सात सितंबर से प्रारंभ होगी। पौराणिक परंपरा के अनुसार चार गांवों से ऐरवाला(देवी के पश्वा) और बालदेव (गोविंद भगवान के पश्वा) बन्याथ यात्रा से पूर्व चंडिका मंदिर मे लाने की परंपरा है। मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत टकोला, उपाध्यक्ष मलक सिंह नेगी, महा सचिव देवैंद्र रावत, कोषाध्यक्ष ईंद्र सिंह नेगी, उप सचिव कृष्णा नेगी, पुजारी प्रदीप गैरोला, कृष्णा गैरोला, कांति गैरोला, मनोज गैरोला ने बताया कि भाद्र माह की संक्रांति को बालदेव और देवी के ऐरवालों के मंदिर मे पहुंचने से देवी की बन्याथ यात्रा का शुभारंभ हो गया है।
बताया कि आज से प्रतिदिन इनकी पूजा-अर्चना नियमित रूप से छह सितंबर तक की जाऐगी। तथा सात सितंबर को ऐरवालों का मुंडन संस्कार और अभिषेक पूजा करने के बाद देवी को गर्भगृह से यात्रा के लिए विधि-विधान के साथ बाहर आ जाऐगी। तथा तीन दिनों तक मंदिर मे देवी की दुर्गा सप्तशती पूजा, ब्रह्मबंधन आदि धार्मिक प्रक्रियाऐं पूरी होने पर 11 सितंबर से देवी 10 माह की बन्याथ(भ्रमण यात्रा) पर निकलेगी। जन आगाज।