Chamoliआपदाउत्तराखंडखबरेधर्मवीडियोहेल्थहोम

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के मार्गदर्शन पर आयोजित जोशीमठ रक्षा महायज्ञ पूर्णाहुति के साथ निर्विघ्न रुप से संपन्न

चमोली जोशीमठ

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के मार्गदर्शन पर आयोजित जोशीमठ रक्षा महायज्ञ पूर्णाहुति के साथ निर्विघ्न रुप से संपन्न

जोशीमठ की रक्षा व विश्वकल्याण के लिए शंकराचार्य के शिष्य मुकुंदानंद ब्रह्मचारी ने की थी उत्तराखंड के चार धाम शीतकालीन पूजा केंद्रों की मंगल यात्रा

श्री बदरीनाथ धाम के पुजारी समुदाय डिमरी पंचायत अन्य पंचायतों ने रक्षा महायज्ञ के लिए जताया जगदगुरु शंकराचार्य का आभार

जोशीमठ।ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के मार्गदर्शन में जोशीमठ में आई आपदा की रक्षा के निमित्त विगत 2 माह से आहूत सहस्रचंडी महायज्ञ विधि विधान व वेद मंत्रोच्चार के बीच पूर्णाहुति के साथ संपन्न हो गया है। इस महायज्ञ में बीते 2 माह से प्रतिदिन करीब 16 से 21 आचार्यगण आहुति देकर मां भगवती का पाठ कर रहे थे । बीते दिनों जोशीमठ में लोगों की मकानों पर आई दरारें व भू धंसाव के कारण जोशीमठ के निवासियों की दिनचर्या में बड़ा संकट आ गया था। जहां एक और उत्तराखंड व केंद्र सरकार लगातार आपदा से निपटने में रणनीति बनाने के साथ ही राहत पैकेज पहुंचाने में जुटी थी। वहीं दूसरी ओर ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के दिशा निर्देश व मार्गदर्शन में जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर परिसर में जोशीमठ की रक्षा के निमित्त रक्षा महायज्ञ का आयोजन किया गया था । करीब 2 माह तक चले प्रतिदिन रक्षा महायज्ञ में आचार्य गणों द्वारा जोशीमठ की रक्षा व विश्व के कल्याण के लिए आहुतियां दी गई। आज विधि-विधान व वेद मंत्रोचार के बीच रक्षा महायज्ञ पूर्णाहुति के साथ संपन्न हो गया है। इस रक्षा महायज्ञ में ज्योतिर्मठ के प्रभारी स्वामी मुकुंदनंद ब्रह्मचारी, विष्णु प्रियानंद महाराज सहित आचार्यगण रक्षा महायज्ञ को संपन्न कराने में जुटे थे।
देश के विभिन्न प्रांतों में सनातन धर्म के प्रचार के लिए निकले ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती स्वयं बीते दिनों आपदा के समय दो बार त्वरित गति से जोशीमठ पहुंचकर स्थानीय लोगों को मठ की ओर से हर संभव मदद करने में जुटे हुए थे। पूर्णाहुति के साथ ही शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने एक बार फिर जोशीमठ की रक्षा व विश्व के कल्याण के लिए नृसिंह भगवान, मां भगवती दुर्गा , भगवान श्री बदरी विशाल व केदार बाबा से प्रार्थना की है।
इससे पूर्व शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की प्रेरणा व मार्गदर्शन पर उनके शिष्य मुकुंदानंद ब्रह्मचारी द्वारा उत्तराखंड के चार धामों के शीतकालीन गद्दी स्थल यमुनोत्री खरसाली, गंगोत्री मुखवा, केदारनाथ उखीमठ, के साथ ही जोशीमठ व पांडुकेश्वर स्थित योग ध्यान बद्री मंदिर में ज्योतिषपीठाधीश्वर की ओर से पूजा अर्चना तथा जोशीमठ की रक्षा व विश्व के कल्याण की कामना शीतकालीन मंगल यात्रा के साथ की गई। पूर्णाहुति के समय नृसिंह मंदिर परिसर में श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पवार,मठ के प्रभारी स्वामी मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, सर्व विष्णुप्रिया नंद , प्रवीण नौटियाल, काशी से जोशीमठ पहुंचे आचार्य धनंजय, अतुल सती, नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पवार थानाध्यक्ष के एस भट्ट, पूर्व धर्माधिकारी भुवन उनियाल, देव पूजा समिति के अध्यक्ष भगवती प्रसाद नंबूदिरि, महिला मंगल दल समेत बड़ी संख्या में स्थानीय वह श्रद्धालु गण मौजूद थे।
श्री बदरीनाथ डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के कार्यकारी अध्यक्ष विनोद डिमरी श्री राम ,डिमरी पंचायत डिम्मर उमट्टा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष आचार्य विजयराम डिमरी, सचिव मुकेश डिमरी,पूर्व अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, रविराम पाखी के सरपंच भोला प्रसाद डिमरी, गोपी डिमरी, प्रकाश चंद डिमरी, विपुल डिमरी, शरद चंद्र डिमरी, संजय डिमरी, श्री बद्रीनाथ ब्रह्मकपाल पंचायत के प्रतिनिधि डॉ0 बृजेश सती, उमेश सती, जोशीमठ के पूर्व प्रमुख प्रकाश रावत,समेत बद्रीनाथ धाम के तमाम धार्मिक संगठनों के लोगों ने निर्विघ्न रुप से जोशीमठ रक्षा महायज्ञ के संपन्न होने के लिए ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का आभार प्रकट किया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button