देहरादून: प्रधानमंत्री मोदी की परिकल्पना के अनुरूप नए कलेवर में निखर रही केदारपुरी के बाद अब बदरीशपुरी भी संवरेगी। शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ से जिस तरह देवभूमि की ब्रांडिंग की, उससे अब देश के चारधामों में से एक बदरीनाथ पर राज्य सरकार ध्यान केंद्रित करने जा रही है। प्रधानमंत्री के निर्देश पर ही बदरीनाथ धाम के लिए चार सौ करोड़ से अधिक लागत की महायोजना तैयार की गई है। केदारनाथ की तरह बदरीनाथ में भी तीन चरणों में सुविधाओं के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा। सरकार की मंशा बदरीनाथ धाम को स्मार्ट स्प्रिचुअल टाउन के रूप में विकसित करने की है।
केदारनाथ का पुनर्निर्माण प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। उन्हीं की परिकल्पना के अनुरूप केदारपुरी नए कलेवर में निखर रही है। केदारपुरी में प्रथम चरण के काम पूर्ण हो चुके हैं और द्वितीय चरण के शुरू हो गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ही शुक्रवार को इन कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। तृतीय चरण में केदारनाथ में केदार वन विकसित करने जैसे कार्य होने हैं। केदारनाथ में प्रधानमंत्री ने कहा था कि शास्वत को स्वीकार करते हुए आधुनिकता के मेल और क्रियाशीलता से जिस तरह से राज्य में आधारभूत ढांचा विकसित हो रहा है, उससे आने वाले 10 वर्षों में यहां तीर्थाटन और पर्यटन बहुत तेजी से बढ़ेगा।
जाहिर है कि इस सबको देखते हुए सरकार अब बदरीनाथ धाम को संवारने पर पर ध्यान केंद्रित करेगी। पूर्व में केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बदरीनाथ धाम के लिए भी महायोजना बनाने के निर्देश दिए थे। राज्य सरकार ने केदारनाथ की तर्ज पर ही महायोजना बनाई है। प्रधानमंत्री कार्यालय में भी इसका प्रस्तुतीकरण हो चुका है। धाम में सुविधाएं विकसित करने के लिए विभिन्न कंपनियों के सीएसआर फंड से दो सौ करोड़ से अधिक की राशि जुटाई जा चुकी है।
महायोजना के अनुसार प्रस्तावित कार्यों को धरातल पर उतारने के लिए प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट (पीआइयू) की तैनाती कर दी गई है। निर्माण कार्यों के मद्देनजर नौ विभागों के 22 भवनों को ध्वस्त करने की सरकार मंजूरी दे चुकी है। प्रथम चरण के कार्य भी निर्धारित कर दिए गए हैं। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार बदरीनाथ धाम को स्मार्ट स्प्रिचुअल टाउन के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
महायोजना के मुताबिक केदारनाथ की तरह ही बदरीनाथ धाम में मंदिर के चारों तरफ जगह खुली रखी जाएगी। इसके लिए अगल-बगल के भवनों को हटाया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं को आने-जाने की सुविधा मिले। यात्रियों के लिए वन-वे सिस्टम, बदरी व शेषनेत्र झील का सौंदर्यीकरण, अतिरिक्त पुल, अस्पताल का विस्तारीकरण, बहुद्देश्यीय आगंतुक भवन, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, स्ट्रीट स्कैपिंग, मंदिर व घाट का सौंदर्यीकरण, बदरीश वन, पार्किंग जैसे कार्य महायोजना में प्रस्तावित किए गए हैं।