Dehradun

प्रधानमंत्री का यह निर्णय किसानों के जीवन में नई आशा का संचार करेगा : जोशी

देहरादून, 11 अक्टूबर। सूबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने आज गढ़ी कैंट स्थित हरबंस कपूर मेमोरियल हॉल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर के किसानों को 42,000 करोड़ से अधिक की कृषि परियोजनाओं के भव्य उपहार कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल और कैंट विधायक सविता कपूर भी उपस्थित रहीं। देहरादून में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से सैकड़ों कृषक एवं बागवान बड़ी संख्या में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा (नई दिल्ली) से “पीएम धन-धान्य कृषि योजना” एवं “दलहन आत्मनिर्भरता मिशन” का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन एवं खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी 1100 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास भी किया। पीएम धन-धान्य कृषि योजना 100 कम उत्पादकता वाले जिलों को विकसित करने की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना, फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करना, सिंचाई एवं भंडारण व्यवस्था में सुधार करना तथा किसानों को सुलभ ऋण उपलब्ध कराना है। यह योजना 6 वर्षों तक चलेगी, जिसके लिए प्रति वर्ष 24,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। योजना का संचालन नीति आयोग, कृषि विश्वविद्यालयों एवं 11 मंत्रालयों के समन्वय से जिला-स्तर की कार्ययोजनाओं के माध्यम से किया जाएगा, जिससे ग्रामीण आजीविका को सशक्त करते हुए आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार किया जा सकेगा। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “पीएम धन-धान्य कृषि योजना” के अंतर्गत उत्तराखंड के चमोली एवं अल्मोड़ा जिलों का चयन होना प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का यह निर्णय किसानों के जीवन में नई आशा, ऊर्जा और संभावनाओं का संचार करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जितनी चिंता सीमा पर खड़े जवान की करते हैं, उतनी ही चिंता किसान की भी करते हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने कृषि नवाचार, मूल्य संवर्द्धन और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल की हैं। मंत्री जोशी ने बताया कि प्रदेश में कृषि का क्षेत्रफल 5.51 लाख हेक्टेयर है और उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियाँ फल, सब्जी, मसाला, पुष्प, मशरूम और शहद उत्पादन जैसी विविध फसलों के लिए अत्यंत अनुकूल हैं। उन्होंने कहा कि जहाँ मैदानी क्षेत्र खाद्यान्न उत्पादन में अग्रणी हैं, वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में औद्यानिकी विकास की अपार संभावनाएँ मौजूद हैं। कृषि मंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश की स्थानीय फसलें — जैसे मंडुवा, झंगोरा, चौलाई, भट्ट, राजमा और लान धान — राज्य की कृषि पहचान हैं। सरकार द्वारा इनके संवर्धन और संरक्षण हेतु विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में किसानों की प्राथमिकताओं को सर्वोपरि रखते हुए युद्धस्तर पर कार्य हो रहा है। मंत्री जोशी ने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत महिला कृषकों को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से 102 महिला समूहों को ड्रोन वितरण करने और उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। इससे महिला किसान आधुनिक तकनीक का उपयोग कर सकेंगी और अपनी आर्थिक स्थिति को सशक्त बना सकेंगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने भी अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री ने कृषि, मत्स्य और पशुपालन के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए हैं।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल और कैंट विधायक सविता कपूर, जैविक परिषद उपाध्यक्ष भूपेश उपाध्याय, सचिव कृषि एसएन पांडेय, अपर सचिव ग्राम्य विकास झरना कमठान, आयुक्त ग्राम्य विकास अनुराधा पाल सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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