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अपर निबंधक आनंद शुक्ल को बड़ी जिम्मेदारी पोल्ट्री वैली सहकारी संघ के बने प्रबंध निदेशक

देहरादून 6 जुलाई 2023

 

योजनाओं को कैसे धरातल पर उतारना है और क्रियान्वयन करना है यह सहकारिता विभाग के दूरदर्शी अधिकारी आनंद  शुक्ल बेहतर जानते हैं ।
उंगलियों में पल भर में बना देते हैं योजनाओं का खाका हर अधिकारी मंत्री की पहली पसंद

 

पोल्ट्री वैली सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक बने अपर निबंधक सहकारी समितियां आनंद ए0डी0 शुक्ल

वर्तमान में प्रबंध निदेशक रेशम फेडरेशन ,राज्य समेकित शहरी विकास परियोजना निदेशक, प्रबंध निदेशक साइलेज फेडरेशन, के पद पर है तैनात

प्रबंध निदेशक साइलेज फेडरेशन के पद पर मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना को सफलतम करने के पश्चात श्री शुक्ल को मिली एक और बड़ी जिम्मेदारी

 

उत्तराखंड में वर्तमान में सभी जनपदों में मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना संचालित की जा रही है जिसके तहत किसानों को उनकी मवेशियों के लिए सब्सिडी रेट पर पौष्टिक साइलेज उपलब्ध कराया जाता है अपर निबंधक आनंद शुक्ल के द्वारा मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के पश्चात अब उन्हें प्रबंध निदेशक पोल्ट्री वैली सहकारी संघ की नई जिम्मेदारी दी गई है

आपको बता दें उत्तराखंड में पोल्ट्री वैली की स्थापना का कांसेप्ट आनंद ए0डी0 शुक्ल की दूरदर्शी सोच है उनके द्वारा ही इस पूरी योजना का रोड मैप का पूरा खाका तैयार किया गया है जिसके फलस्वरूप आज पूरे गढ़वाल मंडल में यह योजना शुरू हो गई है और कुमाऊं मंडल में योजना का कार्य युद्ध स्तर पर है

सहकारिता और पशुपालन विभाग के द्वारा मिलकर किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए पोल्ट्री वैली योजना की पहल की है।

नवनियुक्त प्रबंध निदेशक आनंद शुक्ल ने बताया कि इस योजना के लिए परियोजना अवधि वित्तीय वर्ष 2022 से 2025 के लिए 5000 लाभार्थियों का लक्ष्य रखा गया है। गढ़वाल मंडल के सभी जनपदों में पोल्ट्री वैली योजना शुरू हो गई है कुमाऊं मंडल में कार्य प्रगति पर है  शुक्ल ने बताया सरकार पोल्ट्री किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य से जुटी हुई है अभी उत्तराखंड में मुर्गियां ( चूजे) पशुपालन विभाग के द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे हैं आगे फेडरेशन स्वयं ही चूजों का उत्पादन करेगा सरकार की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि स्थानीय स्तर पर पोल्ट्री किसानों को सहायता दी जाए ताकि उनकी आमदनी दोगुनी हो और पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रुक सके।

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