देहरादून। वसंत ऋतु के सुहावने मौसम के बीच गर्मी ने अभी उत्तराखंड में दस्तक भी नहीं दी थी कि एकाएक उत्तराखंड की राजनीति को लेकर सियासी पारा तेजी से ऊपर बढ़ने लगा है। करीब 72 घंटे पहले 6 मार्च को भराड़ीसैंण में बजट सत्र के दौरान ही समय से पहले ही आनन-फानन में सत्र को निपटा देने वाली बात किसी से छुपी नहीं है उसी दिन दिल्ली से भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह व उत्तराखंड के भाजपा प्रभारी दुष्यंत कुमार के देहरादून पहुंच कर सभी विधायकों की राय लिया जाना इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम का हिस्सा है। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि काफी संख्या में भाजपा विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाला है हालांकि डेरा डालने वाले विधायकों में अलग-अलग गुट के बताए जा रहे हैं भाजपा हाईकमान सभी विधायकों से राय लेने में जुटा है इस बीच आज सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के दिल्ली जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं। सीएम बदला जाएगा या नहीं, कब बदला जाएगा? और बदला जाएगा तो किसे बनाया जाएगा यह सभी पहलू भविष्य के गर्भ में छुपे हुए हैं या फिर भाजपा में नंबर एक व दो की हैसियत रखने वाले को ही मालूम होगा। लेकिन इस बीच भाजपा के बीच तेजी से चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम से कांग्रेस समेत अन्य विपक्षियों को भी चर्चा करने के लिए खुला प्लेटफार्म मिल गया है।
कुल मिलाकर उत्तराखंड की सियासत को लेकर जो भी निर्णय होगा और 2022 में कमल फिर से किस तरह खिल पाएगा इस बात को लेकर हालांकि भाजपा मंथन में जुटी हुई है लेकिन वसन्त ऋतु के सुहावने के मौसम के बीच उत्तराखंड की राजनीति में अभी से गर्मी आ गई है। सीएम त्रिवेंद्र रावत को आलाकमान द्वारा दिल्ली बुलाने के बाद अब उत्तराखंड की राजनीति को लेकर सबकी नजरें दिल्ली दरबार पर टिकी हुई है।