Dehradun

गणतंत्र दिवस पर राज्य स्तरीय मुख्य कार्यक्रम में संस्कृत शिक्षा विभाग की झांकी बनी विशेष आकर्षण का केंद्र

जन आगाज डेस्क
देहरादून। भले ही उसे द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ लेकिन उसने सबका दिल जीत लिया। इस झांकी में
बालक-बालिकाओं के समूह ने ना केवल वेदों का पाठ प्रदर्शित किया अपितु भारतीय ज्ञान परम्परा के अंतर्गत पुरातन संस्कृत शास्त्रों में निहित विज्ञान, खगोल शास्त्र, गणित , योग इत्यादि के द्वारा भी सुंदर चित्रण किया गया. झाँकी रथ के आगे जब छात्रों का समूह शंखनाद कर आगे बढ़ रहा था तो मानो ऐसा लग रहा था कि सनातन धर्म कण कण में समा गया हो. रोगनिरोग काया हेतु छात्रों द्वारा आसनों एवं व्यायामों का प्रदर्शन कौतुहल का विषय रहा.
झांकी में संस्कृत के जीवंत चित्रण के माध्यम से राज्य की द्वितीय राजभाषा एवं संस्कृत शिक्षा के प्रचार प्रसार को प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया।
राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी एवं मंत्री डा ०धन सिंह रावत की उपस्थिति में सचिव संस्कृत शिक्षा उत्तराखंड दीपक कुमार व उनकी टीम को इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए द्वितीय पुरुस्कार से सम्मानित किया।
इस मौके पर उन्होंने
उत्तराखंड में संस्कृत को बढ़ावा देने में विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की।

सचिव दीपक कुमार ने बताया कि संस्कृत शिक्षा निदेशक आनंद भारद्वाज एवं संस्कृत अकादमी के सचिव वाजाश्रावा आर्या के नेतृत्व में देहरादून एवं ऋषिकेश के विभिन्न संस्कृत विद्यालयों यथा आर्षकन्या गुरुकुल, शिवनाथ झा, गुरु रामराय, पौधा इत्यादि संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के छात्र- छात्राओं एवं आचार्यों के सहयोग से ही ये कार्य संपन्न हो पाया।
राज्यपाल के सचिव रविनाथ रमन जो शिक्षा सचिव भी है, उनके द्वारा एवं महानिदेशक सूचना बंशीधर द्वारा भी संस्कृत शिक्षा की झाँकी को सराहा गया।

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