भू—कानून के घेरे में कई अधिकारी
देहरादून। भू कानून समन्वय समिति के सुरेन्द्र सिंह पांगती ने कहा कि भू कानून के घेरे में कई अधिकारी है तथा पूर्व डीएम के रिश्तेदारों ने भी भू—कानून का उल्लंघन करते हुए जमीने खरीदी हैं।
आज यहां परेड ग्राउंड स्थित एक क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पांगती ने कहा कि छरबा में एक व्यक्ति को 300 बीघा जमीन स्थानान्तरित कर दी गयी। जबकि भू—कानून के तहत 250 वर्ग मीटर से अधिक कृषि भूमि बाहरी व्यक्ति नहीं खरीद सकता है। लेकिन यहां पर कानून का खुला उल्लंघन करते हुए पौधा में 300 बीघा जमीन पर प्रोजेक्ट दिशा—वन, दिशा—टू के नाम से चल रहा है जिसमें आईएस, पीसीएस व आईपीएस अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जमीनों की लूट में अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि यहीं नहीं गोल्डन फोरेस्ट की जमीनें जोकि सरकार में निहित को गयी थी अधिकारियों की मिली भगत से गोल्डन फोरेस्ट की जमीनें भी ओने पौने दामों पर बेच दी गयी। उन्होंने कहा कि पौंधा में अधिकारियों के लिए कालोनी बन रही है यह सबसे बडा घोटाला है। लेकिन जब इसमें आईएस, पीसीएस व आईपीएस अधिकारी शामिल हैं तो इसकी निष्पक्ष जांच कैसे हो सकेगी। यह अपने आपमें सवाल है। पांगती ने कहा कि जहां स्कूल, कालेज हास्पिटल के लिए सरकार के पास जमीन नहीं है वहीं एक व्यक्ति को विश्वविघालय के लिए करोडों की जमीन कौढियों के दामों पर बेच दी गयी। इसके साथ ही अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन खरीदने के लिए जिलाधिकारी की अनुमति आवश्यक होती है लेकिन यहां पर अनुसूचित जाति के लोंगों की 64 बीघा जमीन बगैर जिलाधिकारी की अनुमति के बेच दी गयी। पांगती ने कहा कि सिडकुल में छोटे उघोग लगाने के लिए जमीन दी गयी थी। लेकिन सिडकुल ने 60 एकड जमीन उस व्यक्ति को दे दी जोकि उत्तराखण्ड का मूल निवासी भी नहीं है उसको 60 एकड जमीन 90 साल की लीज पर कौढियों के दाम पर दे दी गयी। जबकि वह जमीन क्षेत्र के लोगों के लिए छोटे उघोग लगाने के लिए थी। उन्होंने कहा कि यहां पर जमीनों की लूट में अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। पूर्व जिलाधिकारी ने अपने पति व देवर के नाम पर जमीनें खरीदी हैं।