Dehradun

मैनुअल स्केवेन्जर्स अधिनियम 2013 के अनुसार पात्रों को दिया जाए लाभ

देहरादून/सहारनपुर, 18 नवम्बर। सदस्य सेन्ट्रल मॉनिटरिंग कमेटी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारित मंत्रालय, भारत सरकार भगवत प्रसाद मकवाना ने सर्किट हाउस सभागार में मैनुअल स्केवेन्जर्स अधिनियम 2013 के लागू होने व पालन करने के सम्बन्ध में अधिकारियों के समीक्षा बैठक की। भगवत प्रसाद मकवाना ने निर्देश दिए कि जनपद में 10 दिन के अंदर मैनुअल स्केवेन्जर्स अधिनियम 2013 के अनुसार पात्र सभी का का सर्वेक्षण करते हुए रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि अधिनियम में उल्लिखित सफाई से संबंधित विभिन्न प्रकार के कर्मचारियों को सर्वेक्षण में शामिल किया जाए। मैनुअल स्केवेन्जर्स अधिनियम 2013 के तहत जनपद के 2811 चयनित लाभार्थियों को भी इस सर्वेक्षण में शामिल किया जाए। जल संस्थान में कार्य करने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों को भी सर्वे में शामिल किया जाए। उन्होने जनपद में होने वाले सर्वे में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, समिति के सदस्यों एवं विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों को एक दूसरे का सहयोग कर अधिक से अधिक पात्रों को शामिल कर योजना से लाभान्वित कराया जाए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ स्वच्छकारों को दिलाने में संवेदनशीलता बरतें। स्वच्छकारों की बस्तियों में समय-समय पर स्वास्थ्य एवं लोन शिविर लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छकारों की बस्तियों में विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने जनपद में आउटसोर्सिंग, ठेका एवं अन्य माध्यमों से नगर निकायों में तैनात सफाई कार्मिकों के वेतन भुगतान, ईपीएफ, ईएसआई एवं साप्ताहिक अवकाश की जानकारी लेते हुए निर्देश दिये कि किसी भी कार्मिक का शोषण न हो। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी स्तर पर स्वच्छकारों के नियमानुसार भुगतान एवं प्रदत्त सुविधाओं में गड़बड़ी पाई जाती है तो सम्बन्धित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होने कहा कि स्वच्छकार एवं अन्य पदों पर कार्यरत आउटसोर्स एवं संविदा कार्मिकों को शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम मानदेय दिलाना सुनिश्चित किया जाए। सदस्य ने कहा कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नेतृत्व में देश व प्रदेश सरकार द्वारा सफाई कार्य में लगे हुए स्वच्छकारों के लिए लाभकारी योजनाएं संचालित कर पुनर्वासित किया जा रहा है। स्वच्छकारों के पुर्नवासन के लिए स्वच्छकारों की बस्तियों में अधिक से अधिक कैम्प लगाकर ऋण वितरित किया जाए। श्री भगवत जी ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार सीवर में कार्य करते हुए मृतक स्वच्छकारों के आश्रितों को 30 लाख मुआवजा दिये जाने का प्रावधान किया गया है। बैठक के अन्त में अपर जिलाधिकारी प्रशासन डॉ0 अर्चना द्विवेदी ने सदस्य को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके दिये गए निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन किया जाएगा। इस अवसर पर एस पी यातायात श्री सिद्धार्थ वर्मा, सिटी मजिस्ट्रेट श्री गजेन्द्र कुमार, जनपद स्तरीय समिति के सदस्य श्री भारत भूषण, विनोद घावरी, डेविड ढींगिया एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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