Dehradun

मलिन बस्तियों को दिया जाये मलिका हक

देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बसी अनियमित बस्तियों के खिलाफ जब भी किसी बड़ी कार्रवाई की बात होती है तो इस मुद्दे पर राजनीतिक महासंग्राम छिड़ जाता है। एनजीटी द्वारा इन बस्तियों को हटाने के लिए नोटिस भेजे जाने के बाद यह मुद्दा एक बार फिर राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इतने लंबे समय से जो लोग इन बस्तियों में रह रहे हैं उन्हें वह किसी भी कीमत पर उजड़ने नहीं देंगे।
इस मुद्दे को लेकर आज कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना और महानगर अध्यक्ष जसविंदर जोगी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओ ने नगर निगम कूच किया उनकी मांग है कि सरकार इन बस्तियों में रहने वाले लोगों को मलिकाना अधिकार दे। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार इन बस्तियों में रहने वाले लोगों को उजाड़ना चाहती है लेकिन कांग्रेस उनकी लड़ाई पहले भी लड़ती रही है और आगे भी लड़की रहेगी। उधर इस मुद्दे का समाधान निकालने के प्रयास भाजपा द्वारा भी किए जा रहे हैं। क्योंकि निकाय चुनाव सर पर है जिनमें मलिन बस्तियों के मालिकाना हक का मुद्दा एक बड़ा मुद्दा रहता है। इसलिए भाजपा के क्षेत्रीय विधायक और पार्षद भी इस मामले का समुचित समाधान ढूंढ रहे हैं ठीक वैसे ही जैसे 2018 में सरकार द्वारा अध्यादेश लाकर इन बस्तियों में बुलडोजर चलाये जाने से रोका गया था।उल्लेखनीय है कि राजधानी दून में 584 अनियमित ऐसी बस्तियां हैं जिनमें लाखों की संख्या में लोग रहते हैं। 2018 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन बस्तियों को हटाने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन सरकार द्वारा हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अध्यादेश लाकर इस स्थिति को टाल दिया गया था लेकिन सरकार द्वारा इस समस्या का कोई ठोस समाधान अभी तक नहीं निकाला जा सका है। 3 साल में दो बार अध्यादेश के जरिए इन बस्तियों की सुरक्षा करने वाली सरकार अब क्या करेगी जब राहत की समय सीमा 21 अक्टूबर को समाप्त होने वाली है। इसका कोई जवाब सरकार नहीं ढूंढ़ पा रही है। कांग्रेस का कहना है कि 2016 में उसके द्वारा इन बस्तियों को नियमित करने व मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुरू की गई थी लेकिन सरकार जाने के कारण यह नहीं हो सका। एनजीटी द्वारा अब लाल निशान लगाने व घरों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है तो भाजपा और कांग्रेस फिर से इन बस्तियों के रहनुमा बनकर सामने खड़े हैं लेकिन इस समस्या का स्थाई समाधान किसी के पास नहीं है बस वोट की राजनीति ही की जा रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button