जोशीमठ, चमोली । आज रामनवमी के पावन अवसर पर विश्व भर से सनातनियों के सन्देश देते हुए ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर अनन्तश्रीविभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ महाराज ने कहा कि मर्यादापुरुषोत्तम परब्रह्म भगवान श्रीरामचन्द्र जी के अवतार का प्रमुख प्रयोजन ‘गौ-रक्षा’ ही है , क्योंकि जब पृथ्वी के ऊपर दुष्ट राजा शासन करते हुए सारी मर्यादाएं छिन्न-भिन्न करने लग जाते हैं, सनातन धर्म को नष्ट करने का उद्योग करते हैं । इस भूतल का आधार गौ, विप्र, वेद, सती, सत्यवादी, निर्लोभी और दानी हैं इसलिए जब जब भी इनपर संकट आता है तो भगवान अवतार धारण करते हैं । रावण जैसे दुष्ट जब राजा बनकर गौ रूपी सनातन प्रतीकों को समाप्त करने पर तुल जाता है , तब राम का अवतार होता है और वे अवतार धारण करके सबका कल्याण करते हैं । अस्तु
*सहस्र कन्या पूजन*
जोशीमठ में सहस्र कन्या पूजन के क्रम में आज लगभग 315 कन्याओं की पूजा सम्पन्न हुई । ज्योतिर्मठ के व्यवस्थापक विष्णुप्रियानन्द ब्रह्मचारी ने मठ में अनेक कन्याओं की पूजा की, वहीं ढाक, परसारी, सुनील, रिंगी आदि गांव में भी पूजा की गई । लगभग 550 से अधिक कन्याओं की पूजा सम्पन्न हो गया । इन सभी पूजा को सम्पन्न कराने के लिए ज्योतिर्मठ के सर्वश्री शिवानन्द उनियाल, महिमानन्द उनियाल, जगदीश उनियाल, प्रवीण नौटियाल, दिनेश सती, कमलेश कुकरेती, पुष्पा उनियाल, सरिता उनियाल, वैभव सकलानी, वीणा मार्तोलिया, गणेश उनियाल, आशीष उनियाल आदि उपस्थित रहे ।