देहरादून। टिहरी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी माला राज्यलक्ष्मी शाह आज हजारों कार्यकर्ताओं की रैली के साथ नामांकन कराने पहुंचीं। इस दौरान उनके साथ नामांकन रैली में उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल, उत्तराखंड सरकार के राज्य कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी सहित वरिष्ठ भाजपा नेता शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और सीएम धामी प्रत्याशियों के समर्थन में पहुंचे।
पौड़ी गढ़वाल सीट से भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी अनिल बलूनी, माला राज्यलक्ष्मी और कांग्रेस प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला ने लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन किया। भारतीय जनता पार्टी के हरिद्वार लोकसभा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 22 मार्च को डिजिटल नॉमिनेशन किया था। दोनों दलों से पार्टी प्रत्याशियों ने नामांकन के उपरांत अपनी -अपनी जीत का दावा किया। कांग्रेस प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला के नामांकन में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा समेत कई नेता भी मौजूद रहे।
पौड़ी के रांसी पहुंचने पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने स्वागत किया। यहां भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए मुख्यालय पहुंचे थे। बलूनी के समर्थन में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, गढ़वाल सांसद तीरथ रावत, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल सहित कई भाजपा नेता नामांकन में पहुंचे।
टिहरी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी माला राज्यलक्ष्मी शाह का राजशाही परिवार से है, जिसके प्रभाव में भाजपा 1991 से लेकर अब तक रही है। इसका अंदाजा इस तथ्य लगाया जा सकता है कि स्वतंत्रता के बाद अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में 11 बार राजशाही परिवार का कब्जा रहा। 1952 में पहली बार में इस सीट पर राज परिवार की कमलेंदुमति शाह निर्दलीय चुनाव जीती थीं। उनके बाद कांग्रेस से मानवेंद्र शाह ने 1957, 1962 और 1967 के लोकसभा चुनावों में विजयी रहे। 1991 से 2004 तक हुए पांच आम चुनावों में मानवेंद्र शाह भाजपा से लगातार चुनाव जीते। इस सीट पर आठ बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी राजशाही परिवार के मानवेंद्र शाह के नाम है। 2012 में टिहरी लोस सीट पर हुए उपचुनाव में पहली बार माला राज्यलक्ष्मी भाजपा से उम्मीदवार बनाई गईं और निर्वाचित हुईं। इसके बाद पार्टी ने उन्हें 2014 और फिर 2019 में उम्मीदवार बनाया। दोनों चुनाव में वह विजयी रहीं। टिहरी संसदीय क्षेत्र में राज परिवार के दबदबे को देखते हुए पार्टी ने एक बार फिर माला राज्यलक्ष्मी शाह पर भरोसा जताया।
टिहरी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी माला राज्यलक्ष्मी शाह का प्रोफाइल
नाम- माला राज्य लक्ष्मी शाह
जन्म- काठमांडू
जन्मतिथि- 23 अगस्त 1950
शैक्षिक योग्यता : इंटरमीडिएट
राजनीतिक कॅरियर : 2012 उपचुनाव जीती। 2014 व 2019 में भी सांसद चुनी गईं।
राज्य निर्माण के बाद : पहली महिला सांसद।
टिहरी लोकसभा सीट में 14 विस सीटें शामिल हैं।
टिहरी, उत्तरकाशी जिले के अलावा देहरादून जिले के एक बड़े हिस्से से मिलकर बनीं है।
देहरादून जिले की चकराता, कैंट और मसूरी, रायपुर, राजपुर रोड, सहसपुर, विकासनगर सीट शामिल।
टिहरी जिले की टिहरी, धनौल्टी, घनसाली, प्रतापनगर विस सीट।
उत्तरकाशी जिले की गंगोत्री, यमुनोत्री और पुरोला विस सीट।
भाजपा ने गढ़वाल संसदीय सीट से अनिल बलूनी को कांग्रेस के गणेश गोदियाल की टक्कर में उतारा है। बलूनी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माना जाता है। बलूनी इससे पहले कोटद्वार विधानसभा से भी चुनाव लड़ चुके हैं। लोकसभा सीट पर यह उनका पहला चुनाव है। पौड़ी गढ़वाल में जन्मे बलूनी केंद्रीय राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं। वर्तमान में उनके पास राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी की अहम जिम्मेदारी है। सियासी जानकारों का कहना है कि चुपचाप अपने काम में सक्रिय रहने वाले बलूनी को केंद्रीय नेतृत्व ने लोकसभा का टिकट इनाम के तौर पर दिया है। भाजपा के वर्चस्व वाली गढ़वाल सीट पर कांग्रेस 2014 से लगातार चुनाव हारी है। इस सीट पर पार्टी ने गणेश गोदियाल को मैदान में उतारा। ठाकुर मतदाता बहुल इस सीट पर गोदियाल और बलूनी दोनों ब्राह्मण और नए चेहरे हैं। राज्य सभा सांसद के तौर पर पलायन रोकने, सीमांत इलाकों में सैनिक अस्पतालों में आम नागरिकों को प्राथमिक उपचार देने, लोक पर्व ईगास को नई पहचान दिलाने और अपने पैतृक गांव में अपना वोट बनाने जैसी कई पहलों को लेकर बलूनी चर्चाओं में रहे हैं। अब इन्हीं कामों को लेकर बलूनी गढ़वाल के चुनावी समर में दिखाई देंगे। एक पत्रकार से लेकर राज्यसभा तक का सफर कर चुके बलूनी लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए कमर कस चुके हैं।
भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी का प्रोफाइल :-
– छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय रहे।
– गुजरात, बिहार के राज्यपाल के ओएसडी रहे।
– 2000 में भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री रहे।
– 26 वर्ष की आयु में 2002 में कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे (तकनीकी कारण से नामांकन निरस्त)।
– 2005 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कोटद्वार से उप चुनाव लड़ा।
– 2009 में वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री रहे।
– 2012 में प्रदेश भाजपा प्रवक्ता का पद संभाला।
– 2014 में बनारस लोकसभा चुनाव में मीडिया प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाली, राष्ट्रीय प्रवक्ता बने।
– 2015 से वर्तमान तक भाजपा राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख व मुख्य प्रवक्ता।
– 2018 में उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद बने।