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नैनीताल मे देश के 23 राज्यों के शिक्षकों का तीन दिवसीय राष्ट्रीय शैक्षिक एवं सांस्कृतिक महोत्सव का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ आगाज हुआ

प्रकाश चंद्र डिमरी

नैनीताल/ चमोली।

 

शुक्रवार को विद्या भारती की पार्वती- प्रेमा जगाती सरस्वती विहार विद्यालय नैनीताल मे देश के 23 राज्यों के शिक्षकों का तीन दिवसीय राष्ट्रीय शैक्षिक एवं सांस्कृतिक महोत्सव का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ आगाज हुआ।
शैक्षणिक कार्यशाला मे बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखंड राज्य के पूर्व सीएम एवं महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कौश्यारी ने दीप प्रज्वलित करते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य के विद्या भारती के सर्वोत्तम आवासीय विद्यालय पार्वती-प्रेमा जगाती सरस्वती विहार विद्यालय मे देश के 23 राज्यों के विद्वान शिक्षकों की शैक्षणिक कार्यशाला से संपूर्ण राष्ट्र के छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा। कहा कि शिक्षकों की तीन दिवसीय शैक्षणिक कार्यशाला छात्र- छात्राओं के सर्वांगीण विकास की महत्वपूर्ण कड़ी होगी। जो प्रधानमंत्री नरैंद्र मोदी के दिब्य, भब्य और सशक्त भारत के लिए नींव का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजक शैलनट संस्था तथा डा. डीएन भट्ट एवं सहयोगियों को राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक कार्यक्रम को आयोजित करने की बधाई दी। पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि भारत वर्ष मे पौराणिक काल से ही गुरुजनों द्वारा छात्र-छात्राओं को संस्कारवान शिक्षा दी जा रही है, जिसके कारण भारत को विश्वगुरु की संज्ञा दी जाती है। उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों से आए शिक्षकों का स्वागत करते हुए कहा कि राजनेता बनना आसान है, लेकिन सर्वश्रेष्ठ शिक्षक बनना कठिन है। विद्यालय के प्राचार्य सूर्य प्रकाश ने कहा कि पार्वती-प्रेमा जगाती सरस्वती इंटर कालेज मे अध्ययन रत 700 छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए विद्यालय- प्रशासन अनवरत रुप से बेहतर शैक्षणिक कार्यों से ही आज यह विद्यालय राज्य के सर्वोत्तम विद्यालय की श्रैणी मे है। इस दौरान देश के विभिन्न राज्यों के आए 50 शिक्षक- शिक्षिकाओं को मोमैंन्टो देकर सम्मानित किया गया। डा़ हेमंत बिष्ट के संचालन मे आयोजित कर्यक्रम मे एससीआरटी के पूर्व निदेशक गिरीश जोशी, डा. देवकी नंदन भट्ट, डा. अविनाश भट्टनागर, ध्रुव रौतेला, आंनद मोहन रतूड़ी, गिरीश जोशी, डा. रोहिताश गंगवार, राकेश चनाना, पराग तमोली, अनिल कुमार, अविनाश कुमार, प्रकाश दे, सरोज डिमरी, देवेश्वरी रावत, माधुरी नैथानी सहित 400 शिक्षक- शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया।

 

जन- आगाज।

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