माता कभी कुमाता नहीं होती
ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ जी महाराज
23 अक्टूबर 2023
जोशीमठ/ चमोली
शक्ति और शक्तिमान् में कोई भेद नहीं होता। दोनों एक-दूसरे से अभिन्न है। जैसे मणि और मणि की प्रभा परस्पर अभिन्न है उसी प्रकार शक्ति और शक्तिमान् भी परस्पर अभिन्न है। इसीलिए चाहे हम भगवान् की किसी भी रूप में आराधना करें, कल्याण स्वाभाविक है , पर जगदम्बा के रूप में उनकी आराधना इसलिए सरल हो जाती है क्योंकि हम उनकी आराधना माता के रूप में करते हैं और संसार में माता का प्रेम वृद्धावस्था तक भी लोग भूल नहीं पाते हैं। जब भी कोई कष्ट आता है लोग माॅ को ही पुकारते हैं। भगवान् आद्य शङ्कराचार्य जी ने भी कहा कि पुत्र भले ही कुपुत्र हो जाए पर माता कभी भी कुमाता नहीं होती।
उक्त उद्गार पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज ने व्यक्त की ।
ज्योतिर्मठ के प्रभारी मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी ने बताया कि आज *सहस्र सुवासिनी पूजन* के लिए पहुंची माताओं की पूजा सिद्धिदात्री के रूप में की गई ।
*रजत श्रृंगार और महा आरती की गई*
ज्योतिर्मठ के व्यवस्थापक विष्णुप्रियानन्द ब्रह्मचारी ने बताया कि सुबह से ही ज्योतिर्मठ में विराजमान अखिलकोटिब्रह्माण्ड नायिका राजराजेश्वरी त्रिपुर सुन्दरी श्रीदेवी जी की महापूजा और महाआरती की गई साथ ही मठ में चल रहे चण्डी पाठ की पूर्णता हेतु हवन करके कन्यापूजन किया ।
आज के कार्यक्रम में मुख्यरूप से उपस्थित रहे सर्वश्री ऋत्विक कम्पनी के डायरेक्टर श्री राकेश डिमरी जी , सभासद श्री समीर डिमरी जी, जोशीमठ थाना प्रभारी श्री राकेशचन्द्र भट्ट जी, व्यापार संघ के अध्यक्ष नैन सिंह भण्डारी जी , जोशीमठ थाना श्री हरीश काण्डपाल जी, महिमानन्द उनियाल जी, जगदीश उनियाल जी, मनोज गौतम जी, अभिषेक बहुगुणा जी, प्रवीण नौटियाल जी, अरुण ओझा जी , रेखा बिष्ट जी, प्रिया डिमरी, वैभव सकलानी जी आदि लोग उपस्थित रहे ।