कुपवाड़ा, कश्मीर
शंकरावतार भवत्पाद आदि शंकराचार्य जी महाराज ने चार पीठों के साथ ही कश्मीर स्थित सर्वज्ञपीठ में भगवती श्रीशारदादेवी की पूजा की थी । तब से ये पीठ सनातनियों की शिक्षा का प्रमुख केन्द्र रहा है । ईसवीय सन् 1948 तक स्वामी नन्दलाल जी ने सर्वज्ञपीठ स्थित शारदादेवी की पूजा परम्परा को बनाए हुए थे ।
जब धर्म के आधार पर देश का बंटवारा हुआ तो मूल सर्वज्ञपीठ पाक अधिकृत कश्मीर में चला गया और उस मन्दिर को वहां के मुसलमानों ने क्षतिग्रस्त कर दिया आज भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में वो मन्दिर वहीं स्थित है । अस्तु । कश्मीरी पण्डितों का एक विशेष समूह जिसके अध्यक्ष हैं रवीन्द्र पण्डिता जी इन्होंने Save Sharda Committee kashmir (Regd.) इस नाम से संस्था बनाकर मूल पीठ की प्राप्ति के लिए कार्य आरम्भ किया और सन् 2021 में LOC बार्डर के पास स्थित तीतवाल गांव, कुपवाडा , कश्मीर में एक स्थान प्राप्त किया और यहां पर एक शारदा मन्दिर की स्थापना की जिसका उद्घाटन नववर्ष के पहले दिन 22 मार्च 2023 को देश के गृहमंत्री अमितशाह जी द्वारा यंत्र के माध्यम से online किया गया ।
उन्होने कहा कि इस मन्दिर के उद्घाटन के साथ ही देश में शारदा सभ्यता की पुनः शुरुआत हुई ।
*शंकराचार्य मठों के प्रतिनिधियों ने मन्दिर के द्वार खोलकर पीठ की एकता और अखण्डता का सन्देश दिया*
भारत – पाकिस्तान के बार्डर पर कश्मीर के कुपवाडा जिले के तीतवाल में कृष्णगंगा नदी के तटपर शारदा मन्दिर सुरक्षा समिति के द्वारा जो ये एतिहासिक कार्य किया है उसमें उन्होने वहां की प्राचीन परम्परागत तरीके से चार द्वार रखें हैं जो कि हमारे शांकर पीठों के चारों मठों से सम्बन्ध रखते हैं मन्दिर कमेटी के द्वारा चारों मठों के पूज्यपाद शंकराचार्यों के मार्गदर्शन की विनती कर उनके प्रतिनिधियों के उपस्थिति की प्रार्थना की थी । जिसमें दक्षिणाम्नाय श्रृगेरीशारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य श्रीश्री महास्वामी भारती तीर्थ जी महाराज, जचद्गुरु शंकराचार्य श्रीश्री महास्वामी विधुशेखर भारती जी महाराज के प्रतिनिधि के रूप में श्रृंगेरीमठ के मुख्यकार्याधिकारी श्री वी आर गौरीशंकर जी ने मुख्यद्वार दक्षिण का द्वार खोला ।
पश्चिमाम्नाय द्वारकाशारदापीठाधीश्वर परमपूज्य जगद्गुरु शङ्कराचार्य महास्वामी सदानन्द सरस्वती जी महाराज के प्रतिनिधि के रूप में ब्रह्मचारी विष्णुप्रियानन्द जी महाराज ने मन्दिर के पश्चिम के द्वार को खोला । अन्य मठ के प्रतिनिधि की अनुपस्थिति में रवीन्द्र पण्डिता जी और गौरीशंकर जी ने पूर्व का द्वार खोला ।
भगवत्पाद आदिशङ्कराचार्य ने मठाम्नाय महानुशासनम् में जो क्षेत्राधिकार तत्तत् मठों को दिए हैं उसमें कुरु-काम्बोज-काश्मीर ये क्षेत्र ज्योतिर्मठ को दे रखा है ऐसे पीठ के आचार्य उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य पूज्यपाद स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘1008’ जी महाराज की ओर से मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी ने इस मन्दिर के उत्तरद्वार को खोला ।
मन्दिर के गर्भगृह में दर्शन मूर्ति के रूप में पंचधातु की शारदादेवी की प्रतिमा श्रृंगेरीशारदामठ द्वारा मन्दिर समिति को प्रदान की गई है जो कि विगत 26 जनवरी 2023 को श्रृंगेरी से पूजा करके उत्सव के साथ रवाना की गई थी । आने वाले दिनों में शंकराचार्य जी महाराज के सान्निध्य में प्रतिष्ठा समारोह भी सम्पन्न होगा ।
आज यहां पर कश्मीरी पण्डितों ने विधि-विधान के साथ पूजा और हवन करके इस महोत्सव को सम्पन्न किया । इस कार्यक्रम में वर्चुअली उपस्थित रहे जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा जी, बैंगलोर के सांसद भाई तेजस्वी सूर्या जी , प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री रवीन्द्र रैना जी, जिले के डी सी सागर जी, एस एस पी जुगल मन्हास जी, प्रवीण नौटियाल जी, कमलेशकान्त कुकरेती जी, आशीष उनियाल जी, गौरव जी, साहिल , अख्तर और क्षेत्र की सम्मानित जनता उपस्थित रही साथ ही देश के कोने कोने से पधारे कश्मीरी पण्डित जन ।