हल्द्वानी: उत्तराखंड के लिए भारतीय सेना में ड्यूटी पर तैनात जवान धर्मेंद्र गंगवार का पार्थिव शरीर उनके घर लालकुंआ पहुंचा है। जवान के आक्समिक निधन से जहां लालकुंआ में शोक की लहर है। तो वहीं जैसे ही जवान का शव उनके घर पहुंचा है तो परिवार में कोहराम मच गया। जहां भारत माता के जयकारों से आकाश गुंज उठा वहीं जवान की मां-पत्नी बेसुध होकर बेहोश हो गई। सात और ग्हारह साल के दो मासूम अपने पिता के इंतजार में रह गए।
नैनीताल के लालकुआं नगर वार्ड नंबर 2 गांधी नगर के निवासी जेसीओ धर्मेंद्र गंगवार का पार्थिव शरीर चार दिन उनके घर पहुंच गया है। धर्मेंद्र गंगवार एएमई विभाग भारतीय सेना में जेसीओ पद पर सेवारत थे।शुक्रवार रात लेह में ड्यूटी के दौरान हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया था। बताया जा रहा है कि सेना के जवान सैनिक सम्मान के साथ धर्मेंद्र के पार्थिव शरीर को लेकर उनके आवास पर पहुंचे। जवान का शव पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया। बेटे के पार्थिव शरीर को देखते ही मां और पत्नी बेहोश हो गईं। 36 वर्षीय धर्मेंद्र गंगवार के दो बच्चे हैं। बड़ा 11 वर्षीय बेटा आर्य और छोटा 7 वर्षीय युग है।
बताया जा रहा है कि वर्ष 2003 मई में धर्मेंद्र हल्द्वानी एएमई कोर सेंटर से भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। जवान धर्मेंद्र गंगवार का पार्थिव शरीर चंडीगढ़ से सड़क मार्ग के रास्ते लालकुआं लाया गया। जवान धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर उसके आवास लाया गया तो उस दौरान भारत माता की जय के नारों से आसमान गूंज उठा। लोग धर्मेंद्र तेरा यह बलिदान याद करेगा हिंदुस्तान के नारे भी लगा रहे थे। जवान के अंतिम दर्शन करने जन सैलाब उमड़ पड़ा। हर आंख नम नजर आई।