देहरादून: पिछले दो सालों से चारधाम यात्रा पूरी तरह से बंद है। तीन मई से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के लिए सरकार ने भी तैयारियां लगभग शुरू कर दी हैं। धामों में लागों को अत्यधिक भीड़ जमा ना हो, इसके सरकार ने सभी धामों में लिए संख्या तय कर दी है। निर्धारित संख्या के अनुसार ही श्रद्धालु दर्शन के लिए धामों में पहुंच सकेंगे।
यात्रियों को निर्धारित संख्या फिलाल पहले फेज के 45 दिनों के लिए तय की गई है। बदरीनाथ धाम में सबसे ज्यादा 15000 और यमुनोत्री में सबसे कम 4000 लोग प्रतिदिन दर्शन कर सकेंगे। केदारनाथ धाम में 12000 हजार और गंगोत्री धाम एक दिन में 7000 हजार श्रद्धालु ही जा सकेंगे।
कोरोना संकट के कारण दो साल तक प्रभावित रही चारधाम यात्रा में इस बार परिस्थितियां अनुकूल होने से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। अभी तक 2.86 लाख लोग चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण करा चुके हैं।
सरकार ने अन्य राज्यों से आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए फिलहाल कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट अथवा अन्य कोई पाबंदी नहीं लगाई है। यानी, अन्य राज्यों के लोग बेरोकटोक यहां आ-जा सकेंगे। मास्क व सैनिटाइजर का उपयोग अनिवार्य है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से समय-समय पर जारी कोविड प्रोटोकाल का अनिवार्य किया गया है।
चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को पंजीकरण कराना अनिवार्य है। श्रद्धालु पर्यटन विभाग की वेबसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/ पर आनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। इसके साथ ही आफलाइन पंजीकरण के लिए 15 केंद्र खोले जाने हैं। फिलहाल ऋषिकेश, हरिद्वार, सोनप्रयाग और पाखी में आफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है।