उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का पहले ही दिन से मिजाज कुछ अलग नजर आ रहा है। तीरथ का एक्शन मोड इस बात को साफ तौर पर बयां कर रहा है कि उनके लिए जन भावना ही सर्वोपरि है। महाशिवरात्रि के पर्व पर हरिद्वार में संत समाज व श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर के जरिए पुष्प वर्षा हो या फिर कोविड-19 के तहत लोगों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का निर्णय । और अब मई से उत्तराखंड में आरंभ होने वाली चार धाम यात्रा के सभी इंतजाम 30 अप्रैल तक हर हाल में पूरे करने के सख्त निर्देश ही सीएम के एक्शन मोड़ का हिस्सा माना जा रहा है। चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लेकर भी पुनर्विचार के फैसले पर सीएम का चार धामों समेत मठ मंदिरों से जुड़े हुए पुजारी पंडा समाज वह हक हकूक धारियों ने स्वागत किया है। सीएम के कड़क अंदाज को लेकर अफसरशाही में हड़कंप मचा हुआ है। सीएम तीरथ रावत ने साफ कह दिया है कि विकास कार्यों को लेकर वह गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे । योजना या कार्य का भी स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा। पहले ही दिन से सीएम की सभी बैठकों में अनिवार्य रूप से मुख्यसचिव भाग ले रहे हैं। कुल मिलाकर सीएम का एक्शन मोड इस बात को दर्शा रहा है कि किसी भी काम को लेकर अब हीला हवाली या फिर लापरवाही को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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