मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जहां एक ओर आज पहली बार सचिवालय स्थित अपने कार्यालय पहुंचकर विधि-विधान और पूजा पाठ व हवन के बाद अपना कामकाज शुरू किया तो वही दूसरी ओर शपथ लेने के महज 4 दिन के भीतर दूसरी बार संत नगरी हरिद्वार पहुंचकर एक बार फिर कुंभ में देश-विदेश से आने वाले सभी सनातन धर्मावलंबियों को कुंभ स्नान का न्योता देकर नया संदेश दिया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कुंभ 12 साल में एक बार आता है। यह केवल प्रदेश ही नहीं देश और दुनिया का कुंभ है। इसको भव्य बनाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ को लेकर केन्द्र सरकार की कोविड की गाइडलाइन का भी पालन करना है, लेकिन किसी तरह की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अदभुत कार्यशैली से लाकडाउन में भी लोगों का ध्यान सरकार ने रखा। उन्होंने मोदी है तो मुमकिन है के नारे का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें किसी को कुंभ में स्नान से वंचित नहीं रखना है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत रविवार को समदृष्टि, क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल (सक्षम) की ओर से राजकीय ऋषिकुल आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के मदन मोहन मालवीय आडिटोरियम में आयोजित नेत्र कुंभ का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम दिव्य भव्य कुंभ का आयोजन कराने को तत्पर हैं। इसलिए शाही स्नान के दिन संत समाज के ऊपर हैलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत अभिनंदन किया। हरकी पैड़ी पर संतजनों और मां गंगा का आशीर्वाद लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। साधु संत, आमजन के साथ ही व्यापारी वर्ग भी खुश हैं। आगामी स्नानों में इसको और विस्तार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लाकडाउन के दौरान जिन साढ़े चार हजार लोगों पर आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत दर्ज मुकदमें वापस करने का आदेश जारी कर दिया है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कोविड गाइडलाइंस का पालन भी हमें करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ में बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी। विशेष ट्रेनों के लिए भी उनका प्रयास रहेगा। उन्होंने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। आने वाले समय में पूरे विश्व में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जय जयकार होती रहेगी।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत नरेंद्र गिरि ने अपने आशीर्वचन में कहा कि ऐसे सेवाभाव के कार्यो में सहयोग करना भी एक पुनीत कार्य है। हमें इस दुनिया से जाने से पहले नेत्रदान का पुण्य कार्य अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुंभ को लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है और सरकार को आगे भी आस्था के इस हरिद्वार कुंभ को प्रयागराज से बेहतर कराने के लिए कार्य करना चाहिए।
जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने अपने संबोधन में कहा कि गीता की शुरूआत धृतराष्ट्र से हुई। संजय को दिव्य दृष्टि प्राप्त थी। उन्होंने कहा कि हम जो कुछ करते हैं वही हमें देखने को मिलता है। दुनिया देखने के लिए नेत्र ज्योति बहुत महत्वपूर्ण है।
पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि सेवा परम धर्म है। उन्होंने कहा कि वह सक्षम संस्थान के इस सेवा कार्य को नमन करते हैं। कहा नेत्र विकार को दूर करने के क्षेत्र में हंस फाउंडेशन की माता मंगला जी का कार्य भी सराहनीय है। उन्होंने कहा कि पतंजलि की ओर से भी ऐसे नेक कार्य में पूरा सहयोग मिलेगा।
सक्षम के राष्ट्रीय अध्यक्ष दयाल सिंह पंवार ने कहा नेत्र कुंभ का नारा जीते जीते रक्तदान, जाते जाते नेत्रदान है। हंस फाउंडेशन की माता मंगला ने भी अपने संबोधन में कहा कि हंस फाउंडेशन नेत्र कुंभ में पूरा सहयोग प्रदान करेगा। कहा हरिद्वार में फाउंडेशन की दो यूनिट नेत्र रोगियो की सेवा कर रही है। कहा कि इस नेत्र कुंभ में आने वाले नेत्रहीनों को दृष्टि का प्रसाद मिलेगा।