मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सरकार के पूर्व में देवस्थानम बोर्ड व गैरसैंण कमिश्नरी के फैसले पर पुनर्विचार के संकेत दिए हैं। सीएम तीरथ रावत ने कहा कि सरकार के लिए किसी भी फैसले को लेने में जन भावना परख लेनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि उनके लिए जन भावना सर्वोपरि होगी। इन मामलों पर सीएम संबंधित पक्ष से बात कर फैसला करेंगे।
त्रिवेंद्र सरकार द्वारा पूर्व में देवस्थानम बोर्ड के गठन को लेकर उत्तराखंड में चार धाम समेत अन्य मंदिरों के पुजारी व हकहकूक धारी आंदोलनरत हो गए थे, इतना ही नहीं भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी तीर्थ पुरोहितों के इस मसले को हाई कोर्ट नैनीताल ले गए थे हालांकि हाई कोर्ट नैनीताल से सरकार को भले ही राहत मिली थी लेकिन सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करना व लगातार इस मुद्दे पर उत्तराखंड में लोगों का विरोध जारी रहना भाजपा संगठन के लिए चिंता व मंथन का विषय बन चुका है। इसके अलावा भराड़ीसैंण में बजट सत्र के दौरान गैरसैंण कमिश्नरी के घोषणा पर भी तीरथ सरकार ने पुनर्विचार करने की बात कही है। गैरसैंण कमिश्नरी की घोषणा के साथ ही अल्मोड़ा व गढ़वाल से विरोध के स्वर उठने लग गए थे। कुल मिलाकर तीरथ रावत द्वारा सीएम की शपथ लेने के साथ ही हरिद्वार कुंभ को लेकर व कोविड-19 के तहत दर्ज मुकदमे वापस लेने का निर्णय और देवस्थानम बोर्ड और कमिश्नरी मुद्दे पर पुनर्विचार के संकेत देने की बात जनता के बीच काफी सराही जा रही है।